सराहनीय:  भागवत कथा के पंडाल से चोरी हुआ 400 साल पुराना ग्रंथ विजयनगर पुलिस ने किया बरामद। विजयनगर पुलिस को साधुओं ने किया सम्मानित।

विजयनगर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी, जब पुलिस के अध्यक्ष प्रयास के बाद प्रताप विहार से चोरी हुई 400 साल पुरानी श्रीमद् भागवत गीता को हिंडन बैराज से  बरामद किया।

सराहनीय:   भागवत कथा के पंडाल से चोरी हुआ 400 साल पुराना ग्रंथ विजयनगर पुलिस ने किया बरामद। विजयनगर पुलिस को साधुओं ने किया सम्मानित।
"सराहनीय"
 
 भागवत कथा के पंडाल से चोरी हुआ 400 साल पुराना ग्रंथ विजयनगर पुलिस ने किया बरामद। विजयनगर पुलिस को साधुओं ने किया सम्मानित।
 
 
 
तेजेश चौहान, तेजस 
गाजियाबाद 
गाजियाबाद के थाना विजयनगर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी, जब पुलिस के अध्यक्ष प्रयास के बाद प्रताप विहार से चोरी हुई 400 साल पुरानी श्रीमद् भागवत गीता को हिंडन बैराज से  बरामद किया।

 
आपको बताते चलें कि प्रताप विहार के रामलीला मैदान में  15 दिसंबर 2024 से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन भारतीय सनातन सेवा संस्थान के सानिध्य में हरिद्वार के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री संजय जी महाराज के मुखरबिंद के द्वारा शुरू हुआ।

कथावाचक के करीब 400 साल पुराने ग्रंथ (जिसकी भागवत में रोजाना पूजा होती थी) वही ग्रंथ अचानक ही  19 दिसंबर 2024 की रात को चोरी हो गया।अगले दिन सुबह जब आयोजक मंडल ने कथा पंडाल में देखा तो वहां से ग्रंथ गायब मिला।

उधर इस ग्रंथ को चोरी होने के बाद कथावाचक संजय जी महाराज बेहद दुःखी हुए। लेकिन फिर भी कथावाचक ने दूसरा ग्रंथ उसी जगह रखकर कथा जारी रखी।यह बात आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और आयोजक पंडित राजेश शर्मा अध्यक्ष भारतीय सनातन सेवा संस्थान ने ग्रंथ चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई और लोगों में खासा गुस्सा दिखाई दिया।

उधर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कई टीमें गठित कीं और श्रीमद् भागवत को बरामद करने के उद्देश्य से कथा पंडाल के आसपास आने वाले तमाम मोबाइल की लोकेशन आने वाले  लोगों से गहन पूछताछ शुरू की और किसी तरह माहौल को शांत करने का प्रयास किया।

साथ ही पुलिस ने आयोजक मंडल के साथ-साथ इलाके के सैकड़ो मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया। 
 उधर कथावाचक संजय जी महाराज ने कथा के आखिरी दिन  कहा कि वह उनकी धरोहर है और उनके लिए ग्रंथ बेहद दुर्लभ है।

क्योंकि पूरी भागवत भोजपत्र पर लिखी हुई है। जिसके दर्शन मात्र से ही लोगों के सभी कष्ट मिट जाते हैं उस ग्रंथ कि पूजा उनके पूर्वज भी करते आये हैं।उन्होंने घोषणा कर दी कि हर हाल में उन्हें वह ग्रंथ चाहिए।

घोषणा करते ही थाना विजयनगर पुलिस पंडाल में पहुंची और कथावाचक को भरोसा दिया गया, कि पुलिस ने अपना जाल बिछाया है और एक हफ्ते का पुलिस को समय दिया जाए। निश्चित तौर पर ग्रंथ बरामद होगा।

पुलिस का भरोसा मिलने के बाद संजय जी महाराज पंडाल से उठे और उन्होंने कहा कि वह 29 दिसंबर को आएंगे मुझे हर हाल में यह ग्रंथ चाहिए और उसी दिन ग्रंथ लेकर जाएंगे।

 
संजय जी महाराज की घोषणा के बाद पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी और अपना जाल बिछाया। तमाम लोगों से कड़ाई से पूछताछ भी की गई। हालांकि क्षेत्र के तमाम उन लोगों और उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ-साथ आयोजक मंडल पर भी नाराजगी जताई। लेकिन पुलिस ने भी अपनी जारी जाँच जारी रखी। 


 उधर जो समय संजय जी महाराज ने पुलिस को दिया हुआ वह समय होने वाला था। इससे पहले दिन ही वह 400 साल पुराना ग्रंथ पुलिस ने हिंडन बैराज के पास से बरामद कर लिया। यह जानकारी दी जैसे ही इलाके के लोगों को मिली तो हर किसी के चेहरे पर खुशी छा गई।

लेकिन इस मामले में पुलिस की सख्ती के बाद ग्रंथ बरामद तो हो गया। लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस की ग्रफ्त से बाहर है। लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 
 जैसे ही कथा वाचक संजय जी महाराज के द्वारा घोषणा की जाने वाली तारीख आई तो संजय जी महाराज करीब डेढ़ दर्जन साधु महात्मा को लेकर प्रताप विहार के रामलीला मैदान में जा पहुंचे। जब उन्हें पता लगा, कि उनके ग्रंथ पुलिस ने बरामद कर लिया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

यह जानकारी क्षेत्र के लोगों को मिली तो बड़ी संख्या में लोग रामलीला मैदान में उसी जगह पहुंच गए। जहां पर कथावाचक अपने समर्थक साधुओं के साथ बैठे हुए थे।


 लेकिन इस माहौल में हर किसी की खुशी का ठिकाना नहीं था. क्योंकि वह ग्रंथ बरामद हो चुका था,जिसे दुर्लभ बताया गया था। इसी दौरान थाना विजयनगर के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार सिंह, एस एस आई विनय कुमार सिंह और चौकी इंचार्ज सत्येंद्र सिंह अपनी पूरी टीम के साथ इस पंडाल में पहुंचे और  उनकी पूरी टीम ने कथावाचक के साथ-साथ सभी साधुओं को नतमस्तक किया और दुर्लभ ग्रंथ महाराज को भरी सभा के बीच सौंप दिया।

 अपने दुर्लभ ग्रंथ को देख कर संजय जी महाराज भावुक हुए और उनकी आंखें खुशी से नम हो गईं। साथ ही उनके साथ आए सभी साधु और क्षेत्रीय लोग भी बेहद खुश नजर आए।

 
 लेकिन इस खुशी के माहौल में भी एक प्रकरण यह सामने आया कि जिन लोगों से कड़ाई से पूछताछ पुलिस ने की थी। वही लोग क्षेत्रीय पार्षद पति को साथ लेकर रामलीला मैदान के गेट के बाहर विरोध में खड़े हो। इन सभी लोगों का कहना था कि जिस तरह से पुलिस ने ग्रंथ को बरामद किया है उसी तरह इसे चोरी करने वाला शख्स भी समाज के सामने आना चाहिए।

उधर जब ऐसी स्थिति नजर आई तो प्रभाती निरीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने माहौल को देखते हुए मामला शांत कराया और बाहर विरोध में खड़े लोगों को वापस भेजा।
 उधर साधु संत की पूरी टीम ने पुलिस की पूरी टीम को सम्मानित किया और उन्हें  धन्यवाद दिया।


 बहराल कुल मिलाकर अब यह एक हफ्ते से गर्म चल रहा माहौल शांत हो गया। लेकिन पुलिस के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है कि आखिरकार कथा के पंडाल से जो दुर्लभ ग्रंथ चोरी हुआ वह समाज के सामने अवश्य आना चाहिए।