गौर सिद्धार्थम में 32 मंजिल के B टावर में 10 वीं मंजिल पर लिफ्ट अटकी, भाजपा पार्षद की पत्नी और एक मेड 15 मिनट तक फंसी रहीं
गौर सिद्धार्थम के 32 मंजिल के( B) टावर में दसवीं मंजिल पर लिफ्ट अचानक ही खराब हुई। लिफ्ट के अंदर भारतीय जनता पार्टी के वार्ड 55 के पार्षद संतोष सिंह राणा की पत्नी मंजू सिंह और एक मेड करीब 15 मिनट तक फंसी रहीं। इस टावर में रहने वाले लोगों का कहना है। कि आए दिन यहां लिफ्ट खराब रहती है। जिसकी शिकायत भी मेंटेनेंस विभाग से कई बार की जा चुकी है। लेकिन किसी का कोई ध्यान इस तरफ नहीं है। अब संतोष सिंह राणा का कहना है। कि इस घटना को वह मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का भी प्रयास करेंगे।
तेजेश चौहान, तेजस
गौर सिद्धार्थम की लिफ्ट 10वीं मंजिल पर फांसी, लिफ्ट में वार्ड 55 के पार्षद संतोष सिंह राणा की पत्नी और उनकी मेड करीब 15 मिनट तक फंसी रही।
गाजियाबाद के थाना विजयनगर इलाके के सिद्धार्थ विहार में स्थित गौर सिद्धार्थम की बहू मंजिल इमारत में रहने वाले लोग यहां आए दिन लिफ्ट खराब होने से बेहद परेशान हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को करीब 11:45 पर उस वक्त सामने आया।जब वार्ड 55 के पार्षद संतोष सिंह राणा की पत्नी मंजू सिंह मंदिर में पूजा करने के बाद अपने घर 16 में मंजिल पर जा रही थीं अचानक ही लिफ्ट दसवीं मंजिल पर फंस गई और वह करीब 15 मिनट तक लिफ्ट फंसी रहीं।उसी लिफ्ट में एक मेड भी मौजूद थी। कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट के अंदर फंसी मेड और पार्षद की पत्नी को बाहर निकल गया। लेकिन जब वह बाहर निकली तो उन्हें बेहद घबराहट हो गई और मंजू सिंह को चक्कर आने लगे और उनका ब्लड प्रेशर 200 पर पहुंच गया।
वार्ड 55 के पार्षद संतोष सिंह राणा ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ गौर सिद्धार्थम के (B) टावर में 16वीं मंजिल पर स्थित 15 नंबर के फ्लैट में रहते हैं। यह टावर 32 मंजिल का है और एक फ्लोर पर (2 BHK) के 8 फ्लैट हैं। इन फ्लैटों में रहने वाले लोगों के लिए केवल तीन लिफ्ट हैं। इनमें से एक लिफ्ट का इस्तेमाल करीब 1:00 बजे तक फ्लैटों में निकलने वाले कूड़े के लिए किया जाता है। जबकि अन्य दो लिफ्ट ज्यादा इस्तेमाल होने के कारण वह अक्सर खराब होती रहती हैं। इसकी शिकायत भी मेंटेनेंस विभाग से कई बार की जा चुकी है। लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसका कारण यह हुआ कि आज उनकी पत्नी मंजू सिंह मंदिर में पूजा करने के बाद अपने फ्लैट पर जा रही थीं। उसी लिफ्ट में एक मेड भी मौजूद थी। जब लिफ्ट दसवीं मंजिल पर पहुंची तो लिफ्ट अचानक ही खराब हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी ने बजर बजाया और इंटरकॉम के माध्यम से गार्ड को भी यह सूचना दी।
उन्होंने बताया कि अंदर की तरफ से उनकी पत्नी को यह पता नहीं लग पाया कि कौन से फ्लोर पर लिफ्ट फंसी है। उधर मेंटेनेंस विभाग के लोगों को भी यह जानकारी नहीं हुई कि लिफ्ट कौन से फ्लोर पर है। इसी जानकारी करने में सभी लोग लग रहे और करीब 15 मिनट से ज्यादा दी तक उनकी पत्नी मंजू सिंह और मेड लिफ्ट के अंदर ही फंसी रहीं। कॉफी प्रयास के बाद पता चल पाया कि दसवीं मंजिल पर लिफ्ट फांसी हुई है और कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट में फांसी मेड और उनकी पत्नी को बाहर निकल गया।
संतोष राणा ने बताया कि जब उनकी पत्नी लिफ्ट से बाहर निकल गई तो उन्हें चक्कर आने लगा और वह बेहोशी की स्थिति हो गई।क्योंकि उनका ब्लड प्रेशर चेक किया गया तो ब्लड प्रेशर 200 पर पहुंच गया। जिसके कारण उन्हें बहुत घबराहट हुई। इतना ही नहीं जब वह अपने फ्लैट पर पहुंची तो वह बेहोश हो गईं। क्योंकि उन्हें लिफ्ट से निकलने के बाद जीने के रास्ते ही फ्लैट तक ले जाया गया। उनका कहना है कि जिस तरह से बहू मंजिल इमारत बिल्डर के द्वारा बनाई गई है और फ्लैटों की संख्या के मुताबिक लिफ्ट भी कम हैं।इसी कारण यह लिफ्ट अक्सर खराब रहती हैं। जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोग आए दिन इस खामियाजे को भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस घटना को मुख्यमंत्री तक भी पहुंचाने का प्रयास करेंगे। ताकि इस तरह की घटना अन्य लोगों के साथ ना घटे।
उधर इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए गौर सिद्धार्थम के मेंटेनेंस विभाग के लोगों से भी जानकारी ली गई। मेंटेनेंस विभाग के अरुण कुमार बिष्ट ने बताया कि लिफ्ट खराब जरूर हुई थी।लेकिन महज 9 मिनट के लिए लिफ्ट खराब हुई और लिफ्ट में फांसी मंजू सिंह और एक मेड को सुरक्षित निकाल लिया गया।