ब्रिक्स की सदस्यता के लिए इजरायली समाज भारत का समर्थन चाहता है

डोर मोरिया खास तौर पर शालोम श्वार्जबार्ड फाउंडेशन, एसोसिएशन ऑफ स्पोर्ट्स कल्चर, एजुकेशन, इनोवेशन एंड डेवलपमेंट, क्लब ऑफ सोशल इनिशिएटिव्स वनफ्यूचर और साइहू बिजनेस समुदाय सहित अन्य संगठनों से समर्थन का प्रयास कर रहा है। निश्चितौर पर ब्रिक्स सदस्य देश भारत और संयुक्त अरब अमीरात पर ध्यान केंद्रीत करते हुए इजरायल के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे।

ब्रिक्स की सदस्यता के लिए इजरायली समाज भारत का समर्थन चाहता है
ब्रिक्स की सदस्यता के लिए इजरायली समाज भारत का समर्थन चाहता है

नईदिल्ली-
इजरायली समाज ग्लोबल साउथ के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स में शामिल होने पर विचार कर रहा है। इसके लिए एनजीओ डोर मोरिया ने इजराइल को एलीट ग्रुप में शामिल करने के लिए भारत से मदद मांगी है।
डोर मोरिया एक गैर सरकारी, नन प्रोफिट संगठन है जिसने कहा है कि इजराइली समाज ग्लोबल साउथ के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स में शामिल होने के लिए बेहद उत्सुक है। इसलिए ही उसने आर्थिक ब्लॉक में शामिल होने के लिए भारत की मदद मांगी है।


डोर मोरिया खास तौर पर शालोम श्वार्जबार्ड फाउंडेशन, एसोसिएशन ऑफ स्पोर्ट्स कल्चर, एजुकेशन, इनोवेशन एंड डेवलपमेंट, क्लब ऑफ सोशल इनिशिएटिव्स वनफ्यूचर और साइहू बिजनेस समुदाय सहित अन्य संगठनों से समर्थन का प्रयास कर रहा है। निश्चितौर पर ब्रिक्स सदस्य देश भारत और संयुक्त अरब अमीरात पर ध्यान केंद्रीत करते हुए इजरायल के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे।


डोर मोरिया के अध्यक्ष इगोर कामिन्निक और निदेशक ग्रिगोरी पेलमैन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के महत्वपूर्ण समर्थन से ब्रिक्स देशों के साथ इजराइल के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एनजीओ निरंतर प्रयास कर रहा है।


डोर मोरिया के सुपरवायजरी बोर्ड के अध्यक्ष बॉब फ्रीडमैन और डोर मोरिया के इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के डायरेक्टर ग्रिगोरी पेलमैन ने भारत से आग्रह किया है कि इजराइल को ब्रिक्स में शामिल करने के लिए समर्थन करें। फ्रीडमैन ने कहा कि ग्लोबल साउथ के केंद्र में भारत इजराइल के माध्यम के रूप में कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा है कि ब्रिक्स के सदस्यता के साथ इजराइल के नए अवसर खुलेंगे एंव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति मजबूत होगी। जिससे इजराइल के फ्यूचर इमेज में भी सुधार होगा।


ग्रिगोरी पेलमेन ने कहा कि बॉब फ्रीडमैन की अध्यक्षता में शालोम, श्वार्जबार्ड फाउंडेशन, एसेंड, वन फ्यूचर और साइहू ने समन्वय परिषद का गठन किया है। परिषद के सदस्यों में बॉब फ्रीडमैन एक बिजनेसमैन और फिलन्थ्रोफीस्ट है। ग्रिगोरी पेलमैन जो परिषद के सदस्य है जो क्लब ऑफ सोशल इनिशिएटिव्स वन फ्यूचर के कॉर्डिनेटर है। मध्यस्थ के रूप में इगोर कामिन्निक एक पत्रकार हैं। वहीं डोर मोरिया के निदेशक माइकल फिंकेल एक रब्बी, राजनैतिक वैज्ञानिक, सार्वजनिक व्यक्ति और शालोम श्वार्जबर्ड फाउंडेशन के प्रमुख एवं यूजीन ब्रिक एक वास्तुकार और एसेंट के उपाध्यक्ष हैं। डोर मोरिया के अध्यक्ष इगोर कामिन्निक ने जोर देकर कहा है कि परिषद इजरायल के ब्रिक्स में प्रवेश के लिए आवश्यक रणनीतिक और व्यावहारिक कदमों पर काम करेगी।


वनफ्यूचर इंटरनेशनल बिजनेस के समर्थन से फरवरी 2023 में एक उद्यमियों के लिए एक ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में इजराइल, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख उद्यमियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक हुई जो इन देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. आंद्रे गैसियोरोस्की, डॉ ग्रिगोरी पेलमैन,डॉ सर्गेई इवोर्यानोव, डॉ.सलेम हामीद सैफ हामिद, कुलदीप मित्तल और पूर्णिमा आनंद जैसे प्रतिष्ठित नेताओं ने सम्मेलन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।


ग्रिगोरी पेलमैन ने इस मौके पर कहा कि सम्मेलन में आपसी सहयोग पर जोर रहा है इसके साथ आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने की रणनीति पर खास चर्चा की गई। साथ इजराइल को ब्रिक्स समूह में शामिल करने की रणनीति पर विचार किया गया। 
डोर मोरिया के निदेशक ने कहा कि हाल के वर्षों में इजराइल और भारत के बीच आर्थिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रक्षा, कृषि, उच्च प्रौद्योगिकी और इनोवेशन में द्विपक्षीय समझौतों के साथ भारत-इजराइल के प्रमुख व्यापारिक भागादीरों में से एक बन गया है। यह आर्थिक सहयोग इजरायली और इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के नियमित बिजनेस फोरम और आपसी पहल के माध्यम से विकसित हुआ है।


उन्होंने कहा कि ब्रिक्स में शामिल होने से इजराइल को ग्लोबल साउथ की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाने के अवसर मिलेंगे। इस तरह की सदस्यता से इजराइल को अपने विदेशी आर्थिक संबंधों में विविधता लाने, पारंपरिक पश्चिमी बाजारों पर निर्भरता कम करने और उभरते बाजारों के माध्यम से अपने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में इजराइल की स्थिति को मजबूत करेगा और सामूहिक पश्चिम और ग्लोबल साउथ के बीच बहुआयामी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।


इस मौके पर इगोर कामिनिक ने कहा है कि डोर मोरिया संगठन ने तटस्थ और व्यावहारिक फोरेने पालिसी के लिए जनमत सर्वेक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की है। इस डेटा के आलोक में ब्रिक्स में शामिल होना इजराइल की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जाता है।


बॉब फ्रीडमैन ने अंत में कहा कि ब्रिक्स में भागीदारी के माध्यम से ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग की दिशा में इजराइल का रणनीतिक पुननिर्देशन देश की स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पाठ्यक्रम न केवल इज़राइल को अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत करने में सक्षम करेगा बल्कि विकास और गंभीर क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा।


डोर मोरिया, शालोम श्वार्जबर्ड फाउंडेशन, एसेंड, वनफ्यूचर और साइहू के सहयोगात्मक प्रयास से इजराइल ब्रिक्स की सदस्यता ग्रहण करने की ओर अग्रसर है जिससे भारत और उसे भागादारों को आर्थिक और सामाजिक संबंधों में विशेष लाभ पहुंचेगा।