भट्टा व्यवसायियों ने ईंटों के दामों में की भारी बढ़ोतरी
हाल ही में आई तेज़ आंधी और बारिश ने ईंट भट्टा व्यवसायियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 24 मई की रात को आए तूफान और मूसलधार बारिश में खेकड़ा क्षेत्र के अधिकांश ईंट भट्टों पर रखी गई कच्ची ईंटें नष्ट हो गईं। इसके चलते भट्टा मालिकों ने ईंटों के दामों में प्रति हजार ईंट पर 800 से 1000 रुपये तक की वृद्धि कर दी है। तूफान से पहले ईंटों की कीमतें 5000 से 5200 रुपये प्रति हजार थीं, जो अब बढ़कर 6000 रुपये तक पहुंच गई हैं। इस अचानक हुई बढ़ोतरी से निर्माणाधीन मकानों और औद्योगिक इकाइयों की लागत में इज़ाफा हो गया है।

भट्टा व्यवसायियों ने ईंटों के दामों में की भारी बढ़ोतरी
- तूफान और बारिश से कच्ची ईंटें नष्ट
- ईंटों के दाम 5200 से बढ़कर 6000 रुपये प्रति हजार तक पहुंचे
- मकान और फैक्ट्री निर्माण पर असर
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
हाल ही में आई तेज़ आंधी और बारिश ने ईंट भट्टा व्यवसायियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 24 मई की रात को आए तूफान और मूसलधार बारिश में खेकड़ा क्षेत्र के अधिकांश ईंट भट्टों पर रखी गई कच्ची ईंटें नष्ट हो गईं। इसके चलते भट्टा मालिकों ने ईंटों के दामों में प्रति हजार ईंट पर 800 से 1000 रुपये तक की वृद्धि कर दी है। तूफान से पहले ईंटों की कीमतें 5000 से 5200 रुपये प्रति हजार थीं, जो अब बढ़कर 6000 रुपये तक पहुंच गई हैं। इस अचानक हुई बढ़ोतरी से निर्माणाधीन मकानों और औद्योगिक इकाइयों की लागत में इज़ाफा हो गया है।
बागपत जनपद में करीब 200 से अधिक ईंट भट्टे हैं। भट्टा संचालकों का कहना है कि तेज बारिश से पसारों में जल भराव हो गया है, जिससे नई कच्ची ईंटों का निर्माण भी ठप हो गया है। भट्टा व्यवसायी जयबीर सिंह, राजेश कुमार और आशीष कुमार का कहना है कि प्राकृतिक आपदा के कारण उन्हें कच्ची ईंटों के नुकसान के साथ-साथ उत्पादन बंद होने का भी भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में इस आर्थिक क्षति की भरपाई के लिए दाम बढ़ाना उनकी मजबूरी बन गई है। फिलहाल ईंटों के दामों में वृद्धि से मकान, दुकान, फैक्ट्री के निर्माण में जुटे लोगो को आर्थिक चोट पहुंचना तय है।