बढी सर्दी में रेलवे ट्रैक की हो रही विशेष निगरानी

पहाड़ों की बर्फीली हवा से मैदान क्षेत्र में कंपकपी छूट रही है। लोहे पर भी ठंड की मार पड़ रही है। ठंड अधिक होने के कारण रेल की पटरियां सिकुड़ती हैं। इससे रेलवे अधिकारियों की सिरदर्दी बढ़ रही है। ट्रैक पर पेट्रोलिग बढ़ाने के साथ सभी ज्वाइंट, नट-बोल्ट की जांच की जा रही है। मंगलवार को खेकड़ा सुन्हैड़ा के बीच रेल कर्मचारियों की टीम ने पटरियों की मरम्मत का कार्य किया। कर्मचारियों ने ट्रैक के सभी जोड़ की जांच कर उन्हें दोबारा से वेल्ड किया है।

बढी सर्दी में रेलवे ट्रैक की हो रही विशेष निगरानी

बढी सर्दी में रेलवे ट्रैक की हो रही विशेष निगरानी
- खेकड़ा सुन्हैडा के बीच बदले कमजोर जोड़
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
पहाड़ों की बर्फीली हवा से मैदान क्षेत्र में कंपकपी छूट रही है। लोहे पर भी ठंड की मार पड़ रही है। ठंड अधिक होने के कारण रेल की पटरियां सिकुड़ती हैं। इससे रेलवे अधिकारियों की सिरदर्दी बढ़ रही है। ट्रैक पर पेट्रोलिग बढ़ाने के साथ सभी ज्वाइंट, नट-बोल्ट की जांच की जा रही है। मंगलवार को खेकड़ा सुन्हैड़ा के बीच रेल कर्मचारियों की टीम ने पटरियों की मरम्मत का कार्य किया। कर्मचारियों ने ट्रैक के सभी जोड़ की जांच कर उन्हें दोबारा से वेल्ड किया है।
दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेल मंडल की लाइन पर रोजाना एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। पिछले एक सप्ताह से ठंड अधिक जोर पकड़ रही है। इसके चलते रेल ट्रैक की देखरेख बढ़ाई गई है। रात्रि और तड़के कर्मचारी ट्रैक की विशेष निगरानी कर रहे हैं। ठंड का प्रभाव रेल ट्रैक पर भी पड़ता है। जोड़ खुलने के साथ अनेक स्थान से पटरियों के सिकुड़ने का खतरा बढ़ता है। इससे ट्रेनों की गति पर ब्रेक लगता है, जबकि ट्रैक के चटकने की आशंका गहराती है। मंगलवार को खेकड़ा रेलवे स्टेशन और सुन्हैडा हाल्ट के बीच रेलवे कर्मचारियों ने ट्रैक की मरम्मत की। उन्होने ट्रैक के कमजोर दिखने वाले जोड़ को दोबारा वेल्ड किया गया है। इसके साथ ही ओएचई वायर को कसने का कार्य किया। ठेकेदार रामबाबू ने बताया कि ठंड में रेल पटरियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पटरियां सिकुडने के साथ जोड़, वेल्ड कमजोर पड़ता है। इसको लेकर पेट्रोलिग बढ़ाने के अलावा मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। ठंड में ट्रैक की विशेष देखरेख होती है।