गन्ने के कैंसर रोग से चिंतित हुए गन्ना किसान
गन्ना बागपत समेत पूरे यूपी वेस्ट की एक महत्वपूर्ण नगदी फसल हैं। बागपत में करीब 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती है। इन दिनों फसल में गन्ने का कैंसर कहे जाने वाले लाल सड़न रोग के प्रकोप से किसान चिंतित हो गए है।
गन्ने के कैंसर रोग से चिंतित हुए गन्ना किसान
- कृषि वैज्ञानिकों ने बताए लाल सडन रोग के उपाय
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
गन्ने में लाल सड़न रोग से गन्ना किसान चिंतित हो गए है। कृषि वैज्ञानिकों ने रोग के उपाय बताते हुए जरूरी सलाह दी है।
गन्ना बागपत समेत पूरे यूपी वेस्ट की एक महत्वपूर्ण नगदी फसल हैं। बागपत में करीब 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती है। इन दिनों फसल में गन्ने का कैंसर कहे जाने वाले लाल सड़न रोग के प्रकोप से किसान चिंतित हो गए है। कृषि विज्ञान केन्द्र के गन्ना उत्कृष्टता केंद्र के प्रभारी डा. विकास मलिक ने किसानों को जरूरी उपाय बताए है। कहा कि लगातार गन्ने की फसल लेते हुए किसान प्रजाति प्रतिस्थापन नही करते है। एक ही प्रजाति और एक ही फसल को बार-बार उगाने, फसल चक्र ना अपनाने के कारण गन्ना फसल में लगने वाले कीट व रोगों का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। बागपत के खेतों में भ्रमण कर पाया कि गन्ने का कैंसर रोग कहा जाने वाला लाल सड़न रोग गन्ने में फैल रहा है। किसान सही फसल चक्र का पालन करें। केन्द्र आकर रोग के प्रकोप को रोकने की जानकारी ले। इस रोग का प्रकोप किसानों को मिलकर रोकना होगा, वरना यह जनपद भर में फैल सकता हैं।
गन्ने के कैंसर में क्या होता हैं-
1- गन्ने की पत्तियां पीली होकर गिर जाती हैं।
2- गन्ने के डंठल का आंतरिक भाग लाल रंग का हो जाता हैं।
3- संक्रमित गन्ने से शराब जैसी गंध आती हैं।
4- गन्ने का छिलका सूखकर सिकुड़ जाता हैं और उसके ऊपर झुर्रियां पड़ जाती हैं।