कूड़े से हर महीने 22 लाख कमाने वाला पहला उत्तर प्रदेश का पहला जिला बना गाजियाबाद

कूड़े से हर महीने 22 लाख कमाने वाला पहला उत्तर प्रदेश का पहला जिला बना गाजियाबाद

तेजेश चौहान, तेजस

उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद नगर निगम कूड़ा बेचकर आय प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला निगम बन गया है। क्योंकि निगम हर महीने घरों से निकलने वाले कूड़े से 22 लाख रुपए की कमाई कर रहा है। इस पायलट प्रोजेक्ट के कामयाब होने के बाद अब नगर निगम ने सूखा कूड़ा बेचने की योजना को बाजार में खुली प्रतिस्पर्धा में उतारने का निर्णय लिया है। यानी अब इसका बाकायदा टेंडर होगा।जिसकी न्यूनतम बोली ₹22 लाख प्रति माह निर्धारित की गई है। इतना ही नहीं टेंडर में यह भी शर्त रखी गई है। कि जिस रकम का टेंडर छूटेगा हर साल उसमें 10% की बढ़ोतरी भी होगी। साथ ही 750 मेट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकलता है तो कंपनी को टेंडर की रकम के अनुपात में ही अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

गाजियाबाद नगर निगम ने घरों से निकलने वाले कूड़े से कमाई करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जिसके तहत नगर निगम जहां एक तरफ गीले कूड़े से खाद बना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुखा कूड़ा बेचकर धनराशि भी अर्जित कर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक नगर निगम हर महीने 750 मीट्रिक टन कूड़ा बेचकर 22 लाख रुपए की कमाई कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के कामयाब होने के बाद अब नगर निगम ने इसे बाकायदा कंपनियों को टेंडर दिए जाने की योजना तैयार की है। क्योंकि टेंडर दिए जाने के बाद और भी अधिक आय बढ़ने की संभावना है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि कुछ समय पहले सूखे कूड़े को ऐसे ही दे दिया जाता था।लेकिन इसमें कुछ परिवर्तन करते हुए 3 महीने पहले एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। जिसके तहत सूखे कूड़े के रूप में इकट्ठा होने वाले एलुमिनियम के कैन, कांच की बोतल, गत्ता और कई तरह की अन्य प्लास्टिक व पॉलीथिन समेत बड़ी मात्रा में कूड़ा एकत्र होता है और यह सूखा कूड़ा करीब 750 मीट्रिक टन हर महीने निकलता है। जिसे बाजार में बेचकर 22 लाख रुपए की प्राप्ति हो रही है। इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है। कि इसे खुली प्रतिस्पर्धा में उतारते हुए कंपनियों को टेंडर के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जिसकी न्यूनतम बोली ₹22 लाख प्रतिमाह रखी जाएगी और जिस कंपनी को टेंडर छूटेगा उसमें 10% कि हर साल बढ़ोतरी भी होगी। इसके अलावा निगम की तरफ से यह भी गहन जांच की जाएगी कि यदि 750 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है तो टेंडर की राशि के अनुपात में कंपनी को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम कूड़े से धन अर्जित करने वाला पहला नगर निगम साबित हो गया है।