तेजेश चौहान, तेजस
जेल की व्यवस्था और कई तरह की एक्टिविटी से सन्तुष्ट नजर आए डी जी और पुलिस कमिश्नर।
उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर प्रदेश की जेलों में रखरखाव एवं बंदियों को मानव अधिकार को ध्यान में रखते हुए जेल में कई तरह की एक्टिविटी की जा रही हैं। जिसके चलते गाजियाबाद की डासना जेल में भी विभिन्न एक्टिविटी चल रही हैं। जेल में हाल में चल रही एक्टिविटी को लेकर डीजी जेल एसएन साबत द्वारा गाजियाबाद की डासना जेल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने जेल में चल रहे कार्यक्रमों के बारे में गहनता जाना। जेल की मौजूदा स्थिति देखकर डीजी जेल बेहद खुश नजर आए। इतना ही नहीं उन्होंने ग्राउंड जीरो की हकीकत जानने के लिए वहां मौजूद बंदियों से भी बात की और उनके हालचाल के साथ-साथ जेल की व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की ।
इस दौरान जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार बंदियों के मानव अधिकार को ध्यान में रखते हुए बंदियों के सुधार गृह के तहत बंदियों को उनके द्वारा किए गए कार्यों पर पश्चाताप को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक अच्छी जिंदगी जीने के उद्देश्य से कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि बंदी जेल से बाहर निकल कर अपने परिवार का लालन पालन कर सकें और वह अपराध की दुनिया को छोड़ कर एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें।
जेल अधीक्षक ने बताया कि डीजी जेल एस एन साबत और पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा के द्वारा अन्य उच्च अधकारियों के साथ जेल में चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों का निरीक्षण किया गया। अभी तक जितने भी कार्यक्रम चलाए गए हैं और वर्तमान में भी जो कार्यक्रम चल रहे हैं। इसके अलावा जेल परिसर की साफ-सफाई को लेकर डीजी जेल काफी संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि जेल में चल रही एक्टिविटी के तहत वेस्ट सामान से बने हुए खिलौने जैसे ऊंट ,घोड़े व अन्य खिलौनों को देखकर वह काफी खुश नजर आए। इस बीच जेल में बंदियों के द्वारा कंप्यूटर कोर्स, आर्ट ,डांस ,संगीत ,टेलरिंग पेंटिंग, सलून के अलावा बंदियों द्वारा देशभक्ति की थीम पर डांस से काफी प्रभावित नजर आए। इसके अलावा जेल के हर पहलू को उन्होंने गहनता से जाना और हर जगह का उन्होंने निरीक्षण किया। बंदियों से जी बातचीत की गई। जेल में दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी बंदियों से जानकारी ली गई। जिस पर बंदियों ने सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि वह अपने आपको ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं कि वह जेल में हैं। बल्कि जिस तरह की एक्टिविटी जेल के अंदर की जा रही हैं। उनसे उन्हें सीखने के बाद निश्चित तौर पर वह अपना जीवन एक नए तरीके से शुरू कर सकते हैं।
आलोक सिंह ने बताया कि सुधार ग्रह के तौर पर जेल में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किए जाने से डीजे काफी प्रसन्न नजर आए। हालांकि सीसीटीवी और जेल की सुरक्षा को लेकर भी इस दौरान डीजी ने कई अहम बात की और साथ ही बंदियों की सुरक्षा को लेकर भी तमाम तरह के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि डीजी ने कहा कि न्यायपालिका पुलिस व्यवस्था और जेल व्यवस्था तीनों एक ही सिक्के के पहलू हैं और अब सीसीटीएन को जेल के इस सिस्टम से जोड़कर अपराधियों को चिन्हित करने में बेहद आसानी हो गई है। क्योंकि अब आधुनिक तकनीक के चलते सभी अपराधियों की पूरे प्रदेश में कहीं भी चिन्हित किया जा सकता है। इसे लेकर भी एक अलग तरह से व्यवस्था बनाई जा रही है। बहरहाल जेल का निरीक्षण करने के बाद डीजे जेल एसएन साबत एवं पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा जेल की सभी एक्टिविटी और अन्य व्यवस्था को देखकर काफी संतुष्ट नजर आए।
इस अवसर पर डीजी जेल एसएन साबत, पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा, जेल अधीक्षक आलोक सिंह, जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया ,डिप्टी जेलर अजय कुमार झा, डिप्टी जेलर विजय कुमार गौतम, डिप्टी जेलर संजय शाही, डिप्टी जेलर बृजेश नारायण पांडे, डिप्टी जेलर विजय प्रकाश चौहान, डिप्टी जेलर सुभाष चंद्र शर्मा के अलावा जेल प्रशासन से जुड़े तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।