दो मरीजों में पाए गए मंकिपॉक्स के लक्षण, स्वास्थ्य विभाग एलर्ट मोड पर जांच के लिए भेजे गये नमूने
तेजेश चौहान तेजस
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अभी लोगों को कोरोना की दूसरी लहर से मुक्ति मिल भी नहीं पाई थी। वहीं अब गाजियाबाद में दो मरीजों को मंकीपॉक्स जैसी बीमारी के लक्षण पाई जाने का मामला सामने आया है।जिसके बाद से गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है।दोनों मामलों में सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं और दोनों को ही आईसयूलेट करते हुए उनका उपचार शुरू कर दिया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कि जिस तरह से कोरोना महामारी के कारण उससे बचाव के लिए सरकार के द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया था। ठीक उसी तरह से सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है।सभी लोग अधिक भीड़ में जाने से बचें,उचित दूरी बनाते हुए मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, यदि किसी भी शख्स को बुखार गले में गांठ मुंह में छाले या शरीर पर अलग तरह के दाने उभर आते हैं तो तत्काल प्रभाव से आईसयूलेट करते हुए स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर उचित उपचार कराएं।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भवतोष शंखधर ने बताया कि गाजियाबाद में इस तरह का मामला सामने आया है।फिलहाल दो मरीज मंकीपॉक्स जैसी बीमारी से संदिग्ध पाए गए हैं। इनके नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं और इन्हें आईसयूलेट करते हुए उपचार शुरू कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह एक वायरल बीमारी के रूप में इस बीमारी में मुख्य रूप से तेज बुखार के साथ- साथ गले में गांठ हो जाती हैं। शरीर पर अलग तरह के दाने उभर आते हैं और गले और मुंह में अंदर की तरफ छाले बन जाते हैं।जिसके कारण मरीज को काफी परेशानी होती है।यदि इसका समय रहते हुए उपचार नहीं किया गया तो वह गंभीर रूप धारण कर सकती है।इसलिए यदि किसी को भी इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं ,तो तत्काल प्रभाव से उस मरीज की जांच कराने के बाद आईसयूलेट किया जाए और उचित उपचार कराया जाए।उन्होंने बताया कि इस बीमारी जैसे लक्षण पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के मरीज को आईसयूलेट करते हुए अलग बेड की व्यवस्था की है। ताकि मरीज को उचित चिकित्सा मुहैया कराई जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सभी को इस वायरल बीमारी से बचने के लिए जिस तरह से कोरोना से बचाव के लिए सरकार के द्वारा गाइडलाइं जारी की गई थीं। उन सभी गाइडलाइन का किया जाए तो इस वायरल बीमारी से भी बचाव संभव है।