तेजेश चौहान, तेजस
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर स्थित पार्क में गुरुवार को श्रम विभाग की तरफ से एक सामूहिक विवाह है का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ किया जा रहा है। इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत हापुड़ और गाजियाबाद समेत हिंदू और मुस्लिम धर्म के कुल 3042 जोड़ों को जीवन की डोर से बांधा। इसके लिए प्रशासनिक तौर पर पूरी तैयारी कर ली गई है।इन सभी जोड़ों को एक सूत्र में बांधते वक्त सरकार की तरफ से 75-75 हजार रुपए की धनराशि भी दी जाएगी।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए लेबर कमिश्नर रवि श्रीवास्तव ने बताया कि श्रम विभाग की तरफ से विशाल सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत हापुड़ बुलंदशहर और गाजियाबाद से 3042 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों की शादी कराई जाएगी। इनमें से 1800 जोड़े हिंदू धर्म से हैं और 1200 जोड़े हिंदू ,जबकि 42 जोड़े सिख और बौद्ध धर्म से जुड़ी पुत्रियों का विवाह संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर गरीब लोगों की लड़की की शादी में चाहते हुए भी हमारे नेता गण उन्हें आशीर्वाद देने नहीं पहुंच सकते और नाही इतनी भव्य तैयारी अपने घर पर गरीब आदमी कर सकता है। लेकिन एक मंच पर सामूहिक विवाह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकप्रिय सांसद जनरल वीके सिंह एवं विधायक गण के अलावा तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी इन्हें आशीर्वाद देने इस मंच पर मौजूद रहेंगे। इसकी तैयारी में जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म से जुड़े जोड़ों का विवाह संपन्न कराए जाने के लिए हरिद्वार से 80 पंडितों को बुलाया गया है। जो विधि विधान के साथ विवाह संपन्न कराएंगे। उधर शहर के कई मौलवियों को भी आमंत्रित किया है। ताकि मुस्लिम धर्म से जुड़े जोड़ों कभी निकाह करा सकें। इसके अलावा बौद्ध और सिख धर्म से जुड़े जोड़ों का भी उनके धर्मानुसार विवाह सम्पन्न कराए जाने के लिए उनके धर्म गुरुओं को भी आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है। जिसके तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए मथुरा से टीम आई हुई है, जो सामूहिक विवाह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करेंगी।यहां आने वाले सभी धर्मों से जुड़े लोगों को यह संदेश जाएगा कि जितना अच्छे ढंग से यहां व्यवस्था की गई है। उतनी अच्छी व्यवस्था अपने घर पर नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार का सामूहिक विवाह कराए जाने का उद्देश्य यह है कि हर गरीब की बेटी सरकार की बेटी है, हर गरीब व्यक्ति की सहायता सरकार करना चाहती है।इसी धारणा के साथ विशाल सामूहिक विवाह संपन्न किया जा रहा है
उन्होंने बताया कि इस दौरान वर वधु को विभाग की तरफ से जो भी निर्माण श्रमिक पंजीकृत हुए हैं। उन सभी के खातों में ₹10 हज़ार ट्रांसफर कर दिए गए हैं। अभी तक 2000 लोगों के खाते में ₹10 हज़ार ट्रांसफर हो चुके हैं। बाकी के खातों में भी ₹10 हज़ार ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और जो भी निर्माण श्रमिक सामूहिक विवाह में सम्मिलित होंगे। उनके खाते में 65- 65 हजार रुपए और ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से ऊपर की आयु 21 वर्ष और वधू की आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है।इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम से यह भी संदेश जाता है। कि लोग बाल विवाह से बचें यानी जो उम्र शादी के लिए निर्धारित की गई है। उससे कम आयु में बच्चों के विवाह ना करें। इसके अलावा दहेज प्रथा पर भी रोक लगेगी।