कीट नियंत्रण में नीम तैल का प्रयोग बताया
कीट नियंत्रण में नीम तैल का प्रयोग बताया
- केवीके पर कृषक प्रशिक्षण का समापन
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
कृषि विज्ञान केन्द्र बागपत में आयोजित सब्जियों में एकीकृत कीट व रोग प्रबंधन विषय पर चार दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया। किसानों को नीम तैल से कीटों के प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। किसानों ने खेती में अपने अनुभव बताए।
जैविक विधि द्वारा सब्जियों में रोग व कीट नियंत्रण के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम प्रभारी केंद्र के पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. शिवम सिंह ने बताया कि किसान खेतों में जरूरत से ज्यादा हानिकारक कीटनाशकों और कवकनाशकों का इस्तेमाल ना करें। इससे खेतों, फसलों और किसान की सेहत पर बुरा असर पडता है। ऐसे में जैविक विधि द्वारा रोग व कीट नियंत्रण बेहतर तरीका है। कीट और रोग नियंत्रण में नीम तेल और नीम के बीज के अर्क के प्रयोग पर विस्तार से चर्चा की गई। किसानों ने अपने अनुभव बताए। केन्द्र प्रभारी डा. लक्ष्मीकांत ने प्रशिक्षु किसानों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए। किसानों में रामबीर, अनिल, आदेश, राहुल, विनीत, विपिन आदि शामिल रहे।
कृषक वैज्ञानिक संवाद का हुआ आयोजन
केवीके पर शुक्रवार को आयोजित कृषक वैज्ञानिक संवाद में कृषि में नवीनतम तकनीक का उपयोग, सही पोषण युक्त भोजन का इस्तेमाल करने, फसलों में रोग व कीट प्रबंधन हेतु पेस्टीसाइड का कम और जैविक विधि का अधिक उपयोग करने की सलाह दी गई। अध्यक्षता करते हुए केन्द्र प्रभारी डा. लक्ष्मीकांत ने किसानों को खेती के नवीनतम संशाधन अपनाने की सलाह दी। विशेषज्ञों में गृह विज्ञानी अनिता यादव, उद्यान विज्ञानी डा. अनंत, पादप सुरक्षा विज्ञानी डा. शिवम, कृषि अभियंत्रण विशेषज्ञ गौरव शर्मा ने किसानों के सवालों के जवाब दिए। सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लिए सम्बन्धित विभागों से सम्पर्क करने की सलाह दी गई। कार्यक्रम में जनपद के 11 ग्रामों के 35 कृषकों ने प्रतिभाग किया। और कृषि संबंधी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।