पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने 11 वर्षों से फरार चल रहे ₹25000 के इनामी कच्छा बनियान गैंग के शातिर बदमाश को किया गिरफ्तार

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने 11 वर्षों से फरार चल रहे ₹25000 के इनामी कच्छा बनियान गैंग के शातिर बदमाश को किया गिरफ्तार
तेजेश चौहान, तेजस
गाजियाबाद

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच को एक बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी। जब पुलिस की टीम ने 11 वर्षों से फरार चल रहे एक ₹25000 के इनामी कच्छा बनियान गैंग के शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया।

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि  इंदिरापुरम क्षेत्र के नीति खंड 1 में रहने डॉ सुखबीर सिंह पुत्र श्री राम के घर पर 23 अप्रैल 2012 को अज्ञात कच्छा बनियान पहने हथियारों से लैस बदमाशों ने धावा बोला और तमंचे के बल पर सभी घर वालों को बंधक बनाने के बाद अलमारी में रखी करीब ₹15 लाख की नकदी व अन्य सोने-चांदी के कीमती जेवरात लूट कर फरार हो गए थे। इस पूरे मामले को लेकर डॉ सुखबीर सिंह के द्वारा थाना इंदिरापुरम में मुकदमा दर्ज कराया गया था।जिसमें पुलिस ने एक अभियुक्त मिथुन को गिरफ्तार किया था। जबकि उसका एक अन्य साथी बीरू पुत्र कमल सिंह उर्फ कमले निवासी मोहल्ला हड्डी मिल थाना कैंट जनपद गुना मध्य प्रदेश तभी से फरार चल रहा था।जिसकी काफी तलाश की गई लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। आखिरकार फरार अभियुक्त पर ₹25000 का इनाम घोषित किया गया था और पुलिस तभी से इसकी तलाश में जुटी हुई थी। लेकिन गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने ₹25000 के इनामी शातिर अपराधी गुरु पुत्र कमल सिंह उर्फ कमले को इंदिरापुरम से गिरफ्तार कर लिया है।
एडीसीपी ने क्राइम ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि वह लोग अनपढ़ है और पारदी जनजाति मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। यह लोग एक गैंग बनाकर विभिन्न राज्यों में लूट व डकैती की घटनाओं को अंजाम देते हैं। इन्हें जहां भी घटना को अंजाम देना होता था। वहां पहले से ही जाकर गली-गली खिलौने या गुलदस्ते आदि की फेरी का काम करते हैं और जिस मकान को वह आसानी से अपना निशाना बना सकते हैं। उसे रात में कच्छा बनियान पहनकर निशाना बनाते हुए अपने शरीर पर तेल लगाकर असलाह सरिया लेकर मकान में घुस जाते हैं और यदि कोई विरोध करता है,तो उसके साथ मारपीट कर उसे शांत करा देते हैं और परिवार को एक कमरे में बंद कर देते हैं। जिसके बाद घर में रखा कीमती सामान सोना चांदी जेवरात नगदी लेकर भाग जाते हैं।उधर बड़ी बात यह है कि एक घटना करने के बाद रहे राज्य छोड़ देते हैं। अभियुक्त का कहना है कि उनके पारदी जनजाति के काफी लोग यही काम करते हैं।अब यह काफी वर्षों के बाद दोबारा फिर से नई घटना की फिराक में थे। रेकी करने के बाद अपने साथियों को वह बुलवा रहा था। लेकिन पुलिस को इससे पहले ही भनक लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।