जाति को बहाना बनाकर कर्ण जैसी प्रतिभा को कुचलने की परिणति है महाभारत- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ स्थल पर हुआ सनातन धर्म को जातिवाद से हुई हानि की विवेचना। जाति को बहाना बनाकर कर्ण जैसी प्रतिभा को कुचलने की परिणति है महाभारत- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
तेजस न्यूज संवादाता
माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ स्थल पर हुआ सनातन धर्म को जातिवाद से हुई हानि की विवेचना।
जाति को बहाना बनाकर कर्ण जैसी प्रतिभा को कुचलने की परिणति है महाभारत- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
शिवशक्ति धाम डासना में चल रहे माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ के 17 वें दिन श्रीमद्भावद्गीता पर आधारित श्रीकृष्ण कथा में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने सनातन धर्म को जातिवाद से हुई हानि के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सनातन धर्म की सबसे बड़ी कमजोरी जातीय वैमनस्यता है। जो कि बिल्कुल अशास्त्रीय और वेद विरुद्ध है।हमारे पूर्वजों ने मनुष्य के कर्म के अनुसार समाज को चार वर्णों में विभाजित किया था जो बाद में कुछ बड़े लोगो की स्वार्थपरता के कारण जाति में बदल गया और धीरे धीरे यह सनातन धर्मियो की सबसे बड़ी और भयानक मानसिक बीमारी बन गया।इसी जातीय वैमनस्यता के कारण सनातन धर्म पूरी दुनिया से समाप्त होकर केवल भारत नाम के इस भूभाग में सिमट कर रह गया है।अगर सनातन धर्म यहाँ से भी खत्म हुआ तो इसके मूल में हमारी जातीय वैमनस्यता ही प्रमुख कारण होगी।
महाभारत के विषय मे बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि हस्तिनापुर राज्य की रंगशाला में महावीर कर्ण का नीच जाति का सुतपुत्र बताकर अपमान नहीं किया जाता तो सदाचारी कर्ण और दुर्योधन की कभो मित्रता नही होती और महाभारत जैसा विनाशकारी युद्ध नहीं होता।कर्ण के साथ जाति के नाम पर किया गया अन्याय ही करोड़ो निर्दोष जनो की हत्या का कारण बना। योगेश्वर श्रीकृष्ण कर्ण को सम्राट बनाकर सम्पूर्ण जगत के सामने एक अतुलनीय उदहारण प्रस्तुत करना चाहते थे जो सम्भव नही हो सका।
उन्होने बताया कि महाभारत के समय से आरम्भ हुई यह बीमारी आज महामारी तरह विकराल हो चुकी है।अब तो राजनेताओं ने इसे हिन्दू समाज को तोड़ने का हथियार बना लिया है।ये हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे धर्मगुरुओं ने भी हमे इस बुराई से बचाने के स्थान पर इस बीमारी का पोषण करने का ही कार्य किया है।
आज श्रीकृष्ण कथा में मुख्य यजमान श्रीमती शशि चौहान व सतेंद्र चौहान के साथ बृजमोहन सिंह,बाबू मंगल सिंह,नीरज त्यागी,विपिन त्यागी,सनोज शास्त्री तथा अन्य भक्तगण उपस्थित थे।