चंद्रांशु त्यागी
गाजियाबाद
अक्सर यह कहा जाता है कि लोग एक दूसरे की जेब काटने और बेईमानी करने में लगे हैं।लेकिन आज भी इमानदारी जीवित है। इसका एक नमूना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर तहसील इलाके में उस वक्त देखने को मिला। जब एक रिक्शा चालक करीब 25 लाख रुपए से भरा एक बैग लेकर थाने पहुंचा और प्रभारी निरीक्षक को वह बैंग सौंपा गया। रिक्शा चालक ने बताया कि वह जब रोड पर जा रहा था ,तो इसी दौरान सड़क के किनारे उसे एक बैग पड़ा हुआ दिखाई दिया। जब रिक्शा चालक ने बैग खोलकर देखा तो उसमें लाखों की नगदी दिखाई दी। जिसके बाद वह खुद आश्चर्य में पड़ गया और उसने यह पूरी दास्तां अपने एक दोस्त को बताई दोनों ही बैक को लेकर थाने पहुंचे और प्रभारी निरीक्षक को दे दिया। लाखों रुपए से भरे इस बैग की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को भी दी गई।जिसके बाद डीसीपी देहात ने रिक्शा चालक की इमानदारी को देखते हुए उसे सम्मानित भी किया। हालांकि पुलिस को अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है। कि आखिर लाखों रुपए से भरी नदी का यह बैग किसका है।
जानकारी के मुताबिक मोदीनगर किदवई नगर मक्का मस्जिद के सामने रहने वाला आस मोहम्मद नाम का एक व्यक्ति ई रिक्शा चला कर अपने परिवार का लालन पालन करता है। मंगलवार को आस मोहम्मद अपनी इच्छ से भाड़ा लादकर हापुड़ रोड मुंबई से शिमला रोड की तरफ जा रहा था।अचानक ही आस मोहम्मद की नजर तिबड़ा रोड बम्बे के किनारे एक लावारिस बैग पर पड़ी जो आस मोहम्मद को संदिग्ध दिखाई दिया। जब आस मोहम्मद ने जैसे ही बैग उठाकर देखा तो उसमें 500 की नोटों की गड्डी भरी हुई थीं। जिन्हें देखकर वह खुद आश्चर्य में पड़ गया और उसने सारी बात सरफराज नाम के अपने एक मित्र को बताई।
दोनों ही रुपए से भरे उस बैक को लेकर मोदीनगर थाने पहुँचे और प्रभारी निरीक्षक को सारी बात बताते हुए वह बैग सौंप दिया। प्रभारी निरीक्षक ने सभी के सामने बैग से भरे रुपयों को बाहर निकाला तो उसमें 500 - 500 के 25 लाख रुपये भरे हुए थे। हालांकि अभी तक इसकी यह पुष्टि नहीं हो पाई की यह बैग किसका है। यह जानकारी डीसीपी देहात रवि कुमार को मिली तो आस मोहम्मद को उसकी ईमानदारी के लिए सम्मानित किया।