यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज आए नूपुर शर्मा के समर्थन में और की यह घोषणा

यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज आए नूपुर शर्मा के समर्थन में और की यह घोषणा

तेजेश चौहान तेजस:----

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि नूपुर शर्मा ने जो भी कहा वह गलत नहीं कहा। क्योंकि कुरान और इस्लाम की पुस्तकों में यह सब लिखा है। इसलिए नूपुर शर्मा ने सही कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले शुक्रवार १७ जून २०२२ को वह कुरान और इस्लामिक इतिहास की पुस्तके लेकर अकेले दिल्ली की जामा मस्जिद जाएंगे। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके शुक्रवार १७ जून २०२२ को दिल्ली की जामा मस्जिद में जाकर इस्लामिक मौलानाओं और मुल्लाओ से शास्त्रार्थ की घोषणा की है। उन्होंने इसके लिए एक वीडियो भी जारी किया है।
उन्होंने कहा की ये भारतवर्ष के नेताओ और सनातन के धर्मगुरुओ के लिए डूब कर मर जाने की बात है। कि पूरी दुनिया के मुस्लमान हिंदुओ पर उन्ही की किताबो में लिखी बातों को बोलने पर सर तन से जुदा करने का फतवा देते हैं। मुसलमानों ने जनसंख्या विस्फोट करके वस्तुतः इस देश पर कब्जा कर लिया है। अब हिंदुओ की स्थिति इस देश में बहुत खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान खुलेआम हमारे देवी देवताओं के मठ मंदिर तोड़ते हैं।हमारी आस्था पर हर तरह से प्रहार करते हैं। लेकिन हमारे लिए ना तो कोई बोलने वाला है और ना ही कोई आवाज उठाने वाला है।ये तो एक तरह से इस्लामिक गुलामी हम पर थोप दी गई है।कोई इसके विरुद्ध आवाज उठाए या ना उठाए पर वह श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी इस अन्याय और अत्याचार को सहन नहीं करूगा। 

उन्होंने कहा कि कुरान और इस्लामिक इतिहास की किताबे लेकर शुक्रवार १७जून २०२२ को दिल्ली की जामा मस्जिद जाएंगे। ताकि वहां पर उपस्थित लाखों मुसलमानों को बता सकें कि जो आज मोहम्मद और इस्लाम के बारे में बोला जा रहा है,वो सब उनकी अपनी किताबो में ही लिखा हुआ है। इतना ही नहीं यती नरसिंहानंद सरस्वती महाराज का कहना है कि वह जामा मस्जिद बिलकुल अकेले ही जायेंगे। ताकि इस्लामिक जिहाद से डरे और बिके हुए नेताओ को मुझ पर और मेरे साथियों पर कोई झूठा मुकदमा लगाने का मौका ना मिल सके। उन्होंने कहा है कि शुक्रवार १७ जून २०२२ को सारी दुनिया के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि जामा मस्जिद में इकठ्ठा हुए लोग अपनी ही किताबो से डरकर मेरी हत्या भी कर दें। लेकिन अब मुझे ये खतरा लेना ही पड़ेगा वरना इस देश में हिंदुओ की आजादी समय से पहले ही छीन ली जायेगी।