तेजेश चौहान,तेजस
थाना विजयनगर इलाके में खोले गए एक बैंक के मध्यम से हजारों लोगों को करोड़ों की चापट लगाई गई।इस बैंक के खाता धारकों को इसकी जानकारी उस वक्त हुई। जब कई दिन से बैंक नहीं खुला और ना ही किसी अधिकारी से कोई संपर्क हुआ।बैंक से संबंधित सभी लोगों के फोन भी बंद मिले। आखिरकार एक-एक कर सैकड़ो की संख्या में लोग थाना विजयनगर पहुंचे और अपने साथ हुई ठगी की तहरीर थाने में दी गई।
जानकारी के अनुसार थाना विजयनगर इलाके के प्रताप विहार सैक्टर 12 में रॉयल फाइन इंडिया निधि लिमिटेड के नाम से एक कि शाखा थी। जहां पर सरकारी बैंक की तरह पूरा स्टॉफ मौजूद रहता था।बैंक का स्टॉफ बैंक में ज्यादा से ज्यादा खाता खुलवाने के लिए लोगों को आकर्षित किया जाता था बैंक इंटरेस्ट ज्यादा देने के साथ-साथ कई तरह की लोन जैसी सुविधा दिए जाने का भरोसा दिया जाता था। खाता धारक की सुविधा के लिए उसके स्थान से ही पैसे इकट्ठा कराए जाते थे। धीरे-धीरे हजारों की संख्या में लोगों ने बैंक में खाता खुलवाया लेकिन अचानक ही बैंक पर ताला लटक गया। खाताधारकों को जानकारी मिली कि कुछ महीनो के लिए बैंक बंद कर दिया गया है यानी खाता धारक यह समझ गए कि अब उनका पैसा अटक गया है और बैंक फरार हो गया है। एक-एक कर खाता धारक थाना विजयनगर पहुंचना शुरू हो गए और सैकड़ो की संख्या में लोग थाने पर एकत्र हो गए और सभी ने अपने साथ ठगी होने की तहरीर थाने में दी।
बताया जा रहा है कि यह फाइनेंस कंपनी 4 अक्टूबर 2019 को बनाई गई थी और सैयद मोहम्मद जफीर,सैयद मोहम्मद एहसोन, और ईराम अंजुम समेत कुल तीन लोग इस कंपनी के मालिक हैं। जिनके द्वारा इस फाइनेंस कंपनी को चलाया जा रहा था पुलिस की अभी शुरुआती जांच में पता चला है कि हजारों लोगों को करीब 7 करोड़ 20 लाख रुपए की चपत लग चुकी है। बड़ी बात यह है कि इस बैंक में जो खाता धारक थे वह कम आय वर्ग वाले ही थे क्योंकि उन्हें लोन दिए जाने से लेकर अधिक ब्याज का लालच दिया गया था।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसीपी ने बताया कि कुछ लोग थाना विजयनगर पहुंचे और अपने साथ ठगी होने की जानकारी देते हुए थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।