नारद की तपस्या भंग करने इंन्द्र ने भेजी मेनका
खेकड़ा कस्बे के गांधी प्याउ पर आयोजित रामलीला में महर्षि नारद की तपस्या को भंग करने इन्द्र ने मेनका को भेजा। वही बालाजी रामलीला में प्रजा के कल्याण को जनक ने हल चलाया तो मिटटी के घडे में बालरूप सीता मिली।
नारद की तपस्या भंग करने इंन्द्र ने भेजी मेनका
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
कस्बे के गांधी प्याउ पर आयोजित रामलीला में महर्षि नारद की तपस्या को भंग करने इन्द्र ने मेनका को भेजा। वही बालाजी रामलीला में प्रजा के कल्याण को जनक ने हल चलाया तो मिटटी के घडे में बालरूप सीता मिली।
कस्बे में गांधी प्याउ स्थल और बालाजी मंदिर मैदान में भगवान राम की लीला का मंचन हो रहा है। गांधी प्याउ पर नारद मोह की लीला का मंचन हुआ। इन्द्र ने महर्षि नारद की तपस्या को भंग करने अपनी राजनृतकी मेनका को भेजा। मेनका ने अपने रूप छल कपट से नारद मुनि को आकर्षित किया। वही बालाजी रामलीला में राजा जनक ने प्रजा के कल्याण के लिए हल चलाया। हल एक मिटटी के घटे से टकराया। उसमें बालिका सीता मिली। राजा जनक उसे अपनी पुत्री मानते हुए महलों में ले आए। लीला के संचालन में तरूण गुप्ता, पुष्पेन्द्र कुमार, दीपक शर्मा, संदीप प्रजापति, हर्ष कुमार, राजेश शर्मा, आनंद यादव, अनंत प्रसाद यादव, नरेन्द्र शर्मा आदि का योगदान रहा।