समवसरण की दिव्य ध्वनि सुन हर्षित हुए धर्मावलम्बी

बड़ागांव के त्रिलोक तीर्थधाम में चल रहे पंचकल्याणक महामहोत्सव में रविवार को तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान की प्रथम आहारचर्या हुई। समवसरण रचना की दिव्य ध्वनि सुनकर धर्मावलम्बी हर्षित हो झूम उठे। पंडाल श्रीजी के जयकारों से गूंज उठा।

समवसरण की दिव्य ध्वनि सुन हर्षित हुए धर्मावलम्बी

पंचकल्याणक महामहोत्सव -

समवसरण की दिव्य ध्वनि सुन हर्षित हुए धर्मावलम्बी
खेकड़ा। तेजस न्यूज रिपोर्टर
धर्मनगरी बड़ागांव के त्रिलोक तीर्थधाम में चल रहे पंचकल्याणक महामहोत्सव में रविवार को तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान की प्रथम आहारचर्या हुई। समवसरण रचना की दिव्य ध्वनि सुनकर धर्मावलम्बी हर्षित हो झूम उठे। पंडाल श्रीजी के जयकारों से गूंज उठा।
जैन संत श्रुत सागर जी महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महामहोत्सव सुबह  नित्य पूजन के साथ शुरू हुआ। इसके बाद प्रभु का अभिषेक किया गया। शांतिधारा की गई। तपकल्याणक पूजन हुआ। तीर्थंकर महामुनिराज आदिनाथ भगवान की प्रथम आहारचर्या कराई गई। उन्हें खीर का प्रथम आहार कराया गया। आहार कराने का सौभाग्य सुशील जैन परिवार को मिला इसके बाद ज्ञान कल्याणक और समवशरण ज्ञान कल्याणक का पूजन हुआ पूजन प्रतिष्ठाचार्य जय निशांत ने मंत्रोचार से कराया। समवसरण में दिव्य ध्वनि सुनकर धर्मावलम्बी प्रसन्न हो झूम उठे। जैन संतों ने समवशरण की महता पर प्रकाश डाला कहा कि अरिहंत भगवान के उपदेश देने की सभा का नाम समवशरण है। तेरहवें गुण-स्‍थान में प्रवेश कर श्रेष्‍ठ ज्ञान में प्रवेश कर श्रेष्‍ठ ज्ञान की प्राप्ति हो जाने के बाद अरिहंत भगवान विहार करते हुए जीवों को मोक्षमार्ग बताते है। जग को मोक्ष मार्ग बताने वाली ध्वनि को दिव्य ध्वनि कहते है अर्थात भगवान की दिव्य ध्वनि जहां खिरती है, उस सभा को समवसरण कहा जाता है। अनुष्ठान मे दिल्ली, हरियाणा, यूपी के हजारों जैन धर्मावलम्बियों ने शामिल हो धर्मलाभ लिया।
त्रिलोक तीर्थ धाम के प्रेरणा स्रोत संत की जयंती मनी
पंचकल्याणक अनुष्ठान में रविवार को ब्रहमलीन जैन संत विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज की जयंती भी मनाई गई। जैन धर्मालम्बी होने उनके चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किए। पुष्प अर्पित किए श्रीफल भेंट किए। उनकी पूजा अर्चना की उनके चित्रों का अनावरण किया। धाम कमेटी के त्रिलोकचंद जैन ने कहा कि आचार्य विद्या भूषण सन्मति सागर महाराज महान संत थे। त्रिलोक तीर्थ धाम उन्ही की प्रेरणा है। वे धर्म का प्रचार करने के साथ हमेशा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयासरत रहे। धाम में स्यादवाद स्कूल उन्हीं के प्रयासों की देन है। पंचकल्याणक महोत्सव में गुरुदेव द्वारा स्थापित स्याद्वाद युवा क्लब की विशेष भूमिका रही। युवा क्लब के अध्यक्ष शैलेश जैन नोयडा के नेतृत्व में युवाओं ने कार्य किया।
सांसद ने जैन संतों का लिया आशीर्वाद
पंचकल्याणक महोत्सव में रविवार को सांसद डा. राजकुमार सांगवान शामिल हुए। उन्होंने जैन संतों का आशीर्वाद लिया। अनुष्ठान में शामिल हो धर्म लाभ उठाया। पारस प्रभु की पूजा अर्चना की धाम कमेटी को धाम के उत्थान में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया। धाम कमेटी के पदाधिकारी गजराज जैन गंगवाल, राजेन्द्र प्रसाद जैन, त्रिलोक चंद जैन, महेन्द्र जैन, श्यामलाल जैन ने उनका स्वागत किया।