वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट मामले में वली उल्लाह को अदालत ने एक मामले में आजीवन कारावास जबकि दूसरे मामले में सजा ए मौत के साथ 50000 अर्थदंड का भी फैसला सुनाया

वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट मामले में वली उल्लाह को अदालत ने एक मामले में आजीवन कारावास जबकि दूसरे मामले में सजा ए मौत के साथ 50000 अर्थदंड का भी फैसला सुनाया
तेजेश चौहान तेजस------

वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में 5 जून को सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद आरोपी वली उल्लाह को 16 साल बाद संकट मोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध घाट पर बम मिलने समेत 2 मामलों में दोषी ठहराया। जबकि कैंट रेलवे स्टेशन पर बम धमाके जिसका फैसला न्यायालय ने आज सुनाया। उनमें से एक मामले में आजीवन कारावास तो वहीं दूसरे मामले में फांसी की सजा सुनाते हुए 50,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है।

बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन, दशाश्वमेध घाट और संकट मोचन मंदिर पर 7 मार्च 2006 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस मामले में वली उल्लाह, मोहम्मद जुबैर, जकारिया ,मुस्तकीम और वशीर का नाम सामने आया था। इनमें से मोहम्मद जुबैर कश्मीर में मुठभेड़ के बाद मारा जा चुका है। जबकि बांग्लादेश में रहने वाले मुस्तकीम ,जकारिया और वशीर बांग्लादेश भाग गए। बड़ी बात यह है कि आरोपी वली उल्लाह को मुकदमा लड़ने के लिए कोई वकील नहीं मिला तो हाई कोर्ट ने यह मामला गाजियाबाद स्थानांतरित कर दिया और तभी से इस मामले की सुनवाई गाजियाबाद हो रही है। उधर वली उल्लाह हत्या, हत्या का प्रयास, कानून के खिलाफ चलने और दहशत फैलाने के मामले में गाजियाबाद की डासना जेल में तभी से बंद है और तभी से गाजियाबाद की अदालत में यह मामला चल रहा है। करीब 16 साल की सुनवाई के दौरान 121 गवाह भी इस मामले में पेश किए गए। 16 साल बाद अब न्यायालय ने तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर 5 जून को जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने आरोपी वालीउल्लाह को संकट मोचन मंदिर में बम विस्फोट वह दशाश्वमेध घाट पर बम बरामद होने के मामले में दोषी माना गया है। जबकि कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया। जिसका फैसला सुनाते हुए अदालत ने वली उल्लाह पर एक मामले में आजीवन कारावास और दूसरे मामले में सजा-ए-मौत के साथ-साथ ₹50,000 के अर्थदंड लगाया है।

जैसे ही अदालत ने सजा सुनाई तो वह  अदालत  के सामने गिड़गिड़ाया और कहा कि उसके घर में 80 वर्ष की बूढ़ी मां पत्नी बेटा और बेटी हैं। जिनकी आर्थिक हालत बेहद खराब है। घर में कोई कमाने वाला भी नहीं है। वली उल्लाह ने कहा कि मदरसे में बच्चों को तालीम देकर गुजर बसर करता था और जब से वह जेल में बंद है । तभी से जेल में भी उसका आचरण सही रहा इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए।

बताते चलें कि सीरियल ब्लास्ट का आरोपी वलीउल्लाह को पर कुल 6 मुकदमे चले। जिसमें से 4 मुकदमों में वली उल्लाह को दोषी करार देते हुए आज ipc 302.324 .307 . 326 .ipc  3/4 /5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 15-16 और दूसरे मुकदमे में 3/4/5विस्फोटक पदार्थ अधिनियम दशाश्वमेध मंदिर का हैं,जहाँ विस्फोटक पदार्थ एक काले बेग में बरामद किया गया था। इन अलग अलग मामलों में 30 हजार और 20 हजार तक  जुर्माना ओर ipc 302 मे फाँसी की सजा सुनाई ।इसमें अन्य आरोपी की पत्रावली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भेजा जा रहा है।
संकट मोचन मामले में कुल 47 गवाह और 3 बचाव साक्ष्य पेश किये गए थे।दशमेध घाट वाले केस में 20 गवाह  और 3 बचाव साक्ष्य पेश किए गए।