तेजेश चौहान तेजस:---
पटना से गाजियाबाद कान के परदे का इलाज कराने आई मासूम बच्ची की मंकीपॉक्स की जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बेहद राहत की सांस ली है। इस बच्ची के माता पिता कान का इलाज कराने के लिए गाजियाबाद के राजनगर स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल में लेकर आए थे। अचानक ही बच्ची के शरीर पर कुछ दाने दिखाई दिए। यह लक्षण मंकीपॉक्स बीमारी जैसे लग रहे थे तो स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी गई। सूचना के आधार पर तत्काल प्रभाव से आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बच्ची को क्वॉरेंटाइन करते हुए नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए और बच्ची का उपचार शुरू कर दिया गया। उधर बच्ची के घरवालों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया था। अब जांच रिपोर्ट आई तो उसमें बच्ची को मंकीपॉक्स बीमारी नहीं आई। जिसके बाद बच्ची के घरवालों के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने भी बेहद राहत की सांस ली है।
आपको बताते चलें कि 51 जहानाबाद ओरिजंस देवी मंदिर पटना के रहने वाले जयप्रकाश गुप्ता अपनी 5 वर्षीय बच्ची के कान का इलाज कराने के लिए गाजियाबाद के राजनगर स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल में आए थे। वहीं पर भर्ती करने के बाद बच्ची का उपचार शुरू किया गया। लेकिन अचानक ही बच्ची के शरीर पर मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखाई दिए। जिसकी सूचना हर्ष ईएनटी अस्पताल के निदेशक डॉ बृजपाल त्यागी ने स्वास्थ्य विभाग को दी। जैसे ही यह सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मंकीपॉक्स की जांच के लिए सैंपल लेकर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा गया था। मंगलवार किसान विभाग को इसकी रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिसमें मंकीपॉक्स की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई तो स्वास्थ्य विभाग को बड़ी राहत मिली।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि हर्ष ईएनटी अस्पताल में पटना से एक 5 वर्षीय बच्ची की कान का उपचार कराने के लिए उसके घर वाले गाजियाबाद लाए थे। लेकिन अचानक की बच्ची के शरीर पर मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखाई दिए तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली जिसके बाद बच्ची के सैंपल लेकर पुणे भेजा गया था। अब उसकी रिपोर्ट प्राप्त हुई है तो उसमें मंकीपॉक्स की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसे बेहद राहत की बात माना जा सकता है।
उधर हर्ष ईएनटी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर राजपाल त्यागी का कहना है। कि बच्चे को कान के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। उधर जब मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दिए तो जांच के नमूने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजे गए थे। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें बताया गया कि रिपोर्ट नेगेटिव आई है लेकिन कोई हार्ड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई है उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने खुद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे फोन से वार्ता की तो वहां बताया गया कि मंकीपॉक्स की रिपोर्ट नेगेटिव है लेकिन अभी और भी जांच जारी है हो सकता है कि मंकीपॉक्स का दूसरा वैरीअंट हो। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच के लिए सैंपल तो ले लिए गए थे लेकिन बच्ची को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया और अभी तक गाजियाबाद में मंकीपॉक्स जैसी बीमारी के लिए कोई वार्ड भी निर्धारित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस आधार पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें बताया गया कि मंकीपॉक्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उधर बच्ची के कान का उपचार अभी जारी है हालांकि अब राहत मिलने के बाद बच्ची की अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई है।