सिद्धचक्र महामंडल विधान में चढे 64 अर्घ्य
सिद्धचक्र महामंडल विधान में चढे 64 अर्घ्य
- बडागांव के दिगम्बर जैन मंदिर में विधान
खेकड़ा
पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में चल रहे सिद्ध चक्र महामंडल विधान में रविवार को 64 अर्घ्य से प्रभु का पूजन किया गया। पूजन में सैकड़ो जैन धर्म लंबी शामिल रहे। चन्द्रमति माता ने विधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धालुओं का आशीर्वाद दिया।
विधान सुबह 7 बजे झंडारोहण के साथ प्रारम्भ हुआ। प्रभु के अभिषेक और शांति धारा के साथ शुरू हुआ। इसके बाद विधान का पूजन हुआ। इसमें इंद्र और इंद्राणी बने पात्रों ने 64 अर्घ्य से प्रभु का पूजन किया। विधानाचार्य पंडित प्रदीप जैन ने मंत्रोचार के जरिए पूजन कराया। पूजन में सैकड़ो जैन धर्मालंबी भी शामिल रहे। गणिनी आर्यिका चन्द्रमति माता ने विधान की महत्ता बताई। कहा कि विधान कर्माे की निर्जला की सीख देता है। मानव जीवन बहुमूल्य है। यह सद कर्मों के लिए मिला है। प्राणी सेवा सबसे बड़ा सदकर्म है। इसी से मोक्ष प्राप्ति का रास्ता प्रशस्त होता है। दुष्कर्म मानव को नरक गति की ओर ले जाते हैं। दुष्कर्म करने वाले पूरे जीवन दुखों की ज्वाला में जलते रहते हैं। इसलिए मानव को सदकर्म ही करने चाहिए। इसके बाद मंगल आरती हुई। इंद्र इंद्र रानियां ने पारस प्रभु की विधि विज्ञान के साथ आरती की। विधान 22 जुलाई तक चलेगा।