धूमधाम से मनाई दीवाली, खुशहाली के दीये हुए रोशन

खेकड़ा तहसील क्षेत्र में दीवाली का त्योहार हर्षाेल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों और प्रतिष्ठानों को दीपों और झालरों से सजाया। लक्ष्मी पूजन के बाद पटाखे फोड़े। गली-मोहल्ले और रिश्तेदारों के यहां मिठाई बांटकर दीवाली की शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया पर भी दीवाली के शुभकामना संदेश की खूब आवाजाही रही।

धूमधाम से मनाई दीवाली, खुशहाली के दीये हुए रोशन

धूमधाम से मनाई दीवाली, खुशहाली के दीये हुए रोशन
- प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी
- पटाखा माफियाओं ने चार से छह गुना कीमत पर बेचे पटाखे
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
तहसील क्षेत्र में दीवाली का त्योहार हर्षाेल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों और प्रतिष्ठानों को दीपों और झालरों से सजाया। लक्ष्मी पूजन के बाद पटाखे फोड़े। गली-मोहल्ले और रिश्तेदारों के यहां मिठाई बांटकर दीवाली की शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया पर भी दीवाली के शुभकामना संदेश की खूब आवाजाही रही।
गुरूवार को दीवाली पर्व पर सुबह से ही लोग खरीदारी के साथ पूजा की तैयारी में लगे रहे। सुबह हनुमान जी की पूजा की और प्रसाद का वितरण किया। शाम को घरों में भगवान गणेश व मां लक्ष्मी की पूजा की गई। मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटे तो लोगों ने खुशी में दीये जलाए। इसके अलावा दीवाली मनाने को लेकर और भी मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि कृष्ण ने कार्तिक अमावस्या के दिन नरकासुर का वध किया था। लक्ष्मी जी इसी दिन समुद्र से प्रकट हुई थीं। छोटे-बड़े व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठानों पर लक्ष्मी का पूजन किया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्व की धूम रही। इस बार अधिकांश लोगों ने घरों में मिट्टी के दीये और मोमबत्ती जलाकर अंधेरे को दूर किया। चाइनीज झालर और बल्ब की भी सजावट खूब हुई। पूजन के बाद लोगों ने गली-मोहल्लों में उपहार देकर लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। सोशल मीडिया पर सभी अकाउंट दीवाली की बधाईयों से भरे रहे।
प्रतिबंध के बाद भी खूब हुई आतिशबाजी
परम्परागत दीवाली पूजन के बाद बच्चे युवा और बड़ों ने जमकर आतिशबाजी की। प्रदूषण के चलते दिल्ली एनसीआर क्षेत्र होने के कारण प्रतिबंध लगाया गया था। फिर भी खूब आतिशबाजी हुई। चकरी, लड़ी, अनार, सुतली बम, मुर्गा छाप, पेंसिल, रॉकेट आदि फोड़े। हालांकि पूछने पर सभी ने कहा कि ये उनके गत वर्षाे के शेष बचे हुए पटाखे थे। बच्चे और युवाओं ने रंग-बिरंगी पोशाक पहनकर त्योहार को मनाते नजर आए। कुछ लोगों ने डीजे की व्यवस्था की और घर पार्कों में आनंद लिया। लोगों ने देर रात तक आतिशबाजी का आनंद लिया। मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए तांता लगा रहा। खरीदारी के लिए बाजारों में भारी भीड़ रही।
चोरी से बिके चार से छह गुना मंहगे पटाखे
पटाखों पर प्रशासन के प्रतिबंध का नुकसान आम जनता का ही भुगतना पडा। बच्चों की जिद के आगे लोग चोरी से बिक रहे चार से छह गुना महंगे पटाखे खरीदने को मजबूर हुए। माफिया किस्म के लोगों ने चोरी छुपे महंगे पटाखे बेचकर मोटा मुनाफा कमाया। वही आम परिवारों को गत वर्षो के मुकाबले महंगे पटाखे खरीदने पडे। कस्बा निवासी अनुज, रविन्द्र, आलोक आदि का कहना था कि पुलिस प्रशासन पटाखों की खुलेआम बिक्री पर रोक लगाने में तो सफल रहा, लेकिन गहरी गलियों में पटाखों से भरे गोदामों पर बिकते महंगे पटाखों पर रोक लगाने में पूरी तरह फेल रहा। ऐसे में आम जनता को पटाखा माफियाओं ने जमकर लूटा।