तेजेश चौहान, तेजस
गाजियाबाद पुलिस को एक बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी।जब पुलिस ने नंद ग्राम क्षेत्र से नाबालिक बच्ची का अपहरण कर उसकी हत्या करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को महज 48 घण्टे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। इन अभियुक्तों ने 11 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उसकी एवज में घरवालों से ₹30 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी।
इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज ज़ी ने बताया कि थाना नंदग्राम क्षेत्र की नई बस्ती नंद ग्राम से 20 नवंबर को एक 11 वर्षीय बच्ची का बदमाशों ने अपहरण कर लिया था और उसे छोड़े जाने की एवज में बच्ची के घरवालों से 30 लाख रूपए की फिरौती भी मांगी गई थी। इसकी सूचना पुलिस को हाल में थाना नंदग्राम में रहने वाले सोनू पुत्र जयवीर मूल निवासी टोकी मनौली सोनीपत हरियाणा ने तहरीर के माध्यम से मिली। तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर बच्ची को बरामद करने के उद्देश्य से विशेष टीम का गठन किया गया।
उन्होंने बताया कि मृतक बच्ची के पिता पिता की 2015 में सड़क हादसे के दौरान मृत्यु हो गई थी उसके बाद बच्ची की मां की शादी उसके चाचा से ही करा दी गई। बच्ची के मृतक पिता के इंश्योरेंस का करीब 30 लाख रुपया आना था। इसका जिक्र बच्ची के दादा ने पड़ोस में रहने वाले बबलू नाम के शख्स से किया।उन्होंने बबलू से कहा कि कोई ठीक सा मकान हो तो बता दो। जिसके बाद बबलू ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बच्ची का अपहरण कर उसके घरवालों से ₹30 लाख रुपये लेने की योजना तैयार कर ली और बबलू ने बच्ची का अपहरण कर योजना के तहत अपने अन्य साथियों को सौंप दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस की टीम ने सर्विलांस के माध्यम से अमित पुत्र नरेश पाल हाल निवासी निलाया ग्रीन सोसाइटी मोरटा बबलू और प्रदीप पुत्र ओमप्रकाश हाल निवासी नई बस्ती नंद ग्राम और गंभीर पुत्र लीला सिंह निवासी ग्राम बंगला पुत्री जिला बुलंदशहर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने बच्ची का अपहरण कर 30 लाख रूपए मांगने की योजना बनाते हुए बच्ची को मेला दिखाने के बहाने बबलू और प्रदीप ने बच्ची का अपहरण कर अपने साथी अमित पुत्र नरेश पाल को सौंप दिया।अमित ने बच्ची को गंभीर पुत्र लीला सिंह को दिया और गंभीर ने अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर बच्ची का गला दबाकर हत्या कर उसके शव को जंगल में इसलिए फेंक दिया कि वह उन्हें पहचानती थी। अभियुक्तों ने बताया कि उनका मानना था। कि फिरौती तो उन्हें हत्या के बाद भी मिल ही जाएगी। लेकिन पुलिस के अथक प्रयास के बाद 48 घंटे के अंदर इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बच्ची के शव को भी बुलंदशहर इलाके से बरामद कर लिया गया और तीनों शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में अभी अन्य लोगों की भी भूमिका नजर आई है जिनकी तलाश जारी है। फिलहाल गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के खिलाफ वैधानिक कठोर कार्रवाई की जा रही है।