दिल्ली जामा मस्जिद पर जाने की घोषणा के बाद शासन ने यति नरसिंहानंद गिरि महाराज को नोटिस के जरिए कार्यक्रम रद्द करने की दी चेतावनी। लेकिन महाराज अपनी बात पर अडिग
तेजेध चौहान तेजस---/
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद गिरी महाराज ने आगामी 17 जून 2022 को दिल्ली की जामा मस्जिद पहुंचने की घोषणा की थी। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। वीडियो वायरल होते ही और मीडिया के संज्ञान में आते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद के उप जिलाधिकारी की तरफ से थाना प्रभारी मसूरी के माध्यम से एक नोटिस जारी जारी किया है। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है। कि आपके द्वारा जो 17 जून 2022 को जमा मस्जिद पर कुरान और इस्लाम इतिहास की किताबों के साथ जाने कार्यक्रम है। उससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। इसलिए इस प्रस्तावित कार्यक्रम को निरस्त कर दिया जाए। साथ ही नोटिस में यह भी कहा गया है कि आपके वक्तव्य से विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्यता, ईर्ष्या, द्वेष फैलने की संभावना है।इसलिए इस प्रकार के वक्तव्य जारी ना करें।अन्यथा ऐसी स्थिति में आप पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी और जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
उधर जैसे ही यती नरसिंहानंद गिरि महाराज को जिला प्रशासन की तरफ से यह नोटिस मिला तो उन्होंने अभी भी साफ तौर पर कहा है। कि जो नोटिस उन्हें प्राप्त हुआ है। उसमें लिखा गया है कि उसने वैमनस्यता,ईर्ष्या,द्वेष फैलने की संभावना है। लेकिन जब मुझे मारने तक की भी धमकी दी जाती है तो क्या उसमें वैमनस्यता नहीं फैल रही है। जिन लोगों ने नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दी है तो क्या उससे वैमनस्यता नहीं बढ़ रही। उन्होंने कहा कि वह जामा मस्जिद पर निहत्थे और केवल उनकी पुस्तक ही लेकर जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं शासन और प्रशासन से यह कहना चाहता हूं। कि मैं केवल अकेले ही जा रहा हूँ। यह मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं किताब और केवल कंप्यूटर लेकर ही वहां जाऊंगा। ताकि मौलानाओं को सच्ची जानकारी दे सकूं। उन्होंने कहा कि केवल कट्टरपंथी और जिहादियों को खुश करने के लिए मेरी भावनाओं को कुचलना चाहते हैं। उन्होंने कहा की वह जेल जाने और मरने के लिए तैयार हैं।
क्योंकि उनकी मौत का समय भगवान ने निश्चित किया हुआ है। भले ही कोई भी उनकी हत्या करना चाहे लेकिन जब तक उनकी मौत नहीं आई है तो कोई नहीं मार सकता। उन्होंने कहा कि वह दुनिया के सभी मौलानाओं के चरणों में एक विनम्र अनुरोध करना चाहते हैं। की सभी मौलाना उस दिन जमा मस्जिद अवश्य पहुंचे। ताकि एक साथ सभी से मिलकर एक ही दिन में बात क्लियर हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो आपकी किताब ने लिखा हुआ है। उसी के बारे में उन्हें बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम आपके नवी कोई जिक्र नहीं करना चाहते हैं। लेकिन जो सच है वह तो बोलना पड़ता है। जब यह लोग हमारे देवी देवताओं का अपमान करते हैं। झूठी अफवाह फैलाते हैं तब कोई कुछ नहीं बोलता और जब हम सच बोलते हैं तो बेवजह की बातों को तूल दिया जाता है।