यातायात पुलिस चोरी की स्कूटी के ही लगातार काटती रही चालान दूसरी स्कूटी का नम्बर लगाकर चलाई जा रही थी चोरी की स्कूटी, 25000 के चालान देखकर असली मालिक के उड़े होश

यातायात पुलिस चोरी की स्कूटी के ही लगातार काटती रही चालान  दूसरी स्कूटी का नम्बर लगाकर  चलाई जा रही थी चोरी की स्कूटी, 25000 के चालान देखकर असली मालिक के उड़े होश
"किसी दूसरी स्कूटी का नंबर लगाकर चलाई जा रही थी चोरी की स्कूटी"
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"जिस नंबर को चोरी की स्कूटी पर लगाया गया था ठीक उसी तरह का स्कूटी पर कराया गया पेंट"
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”₹25000 से भी अधिक के चालान होने की जानकारी हुई तो असली स्कूटी वाले के होश उड़े"
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आईजीआरएस पर शिकायत करने के बाद पुलिस ने लिया संज्ञान।
तेजेश चौहान, तेजस

चोरी की स्कूटी को एक शख्स नंबर एक में चला रहा था।आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस अभी तक ₹25,000 से अधिक के भी चालान काट चुकी है। लेकिन पुलिस को यह भनक तक नहीं हुई, कि आखिर यह स्कूटी चोरी की है। बड़ी बात यह है कि दूसरी स्कूटी का नंबर लगाकर और उसी रंग का पेंट कर कर चोरी की स्कूटी शहर में धड़ल्ले से चल रही थी लेकिन असली स्कूटी मालिक को उस वक्त इसकी जानकारी हुई, जब उसे अपनी स्कूटी पर ₹25,000 से भी ज्यादा के चालान होने की जानकारी मिली। 

इस बारे में रईसपुर में रहने वाले एक निजी कंपनी के अकाउंटेंट नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके पिताजी अश्वनी कुमार पुत्र श्री रामदास के नाम पर उन्होंने एक नीले रंग की स्कूटी नंबर अप 14 DJ 3678 खरीदी हुई है। उनके यहां स्कूटी का  संचालन बहुत कम होता है।अचानक ही उन्होंने अपना पोर्टल चेक किया, तो उन्हें जानकारी हुई कि 18 अप्रैल को उनकी स्कूटी के  ₹1000 के दो चालान कटे जबकि स्कूटी घर खड़ी हुई थी।इतना ही नहीं लगातार आए दिन कहीं ना कहीं का चालान काटता रहा। अभी तक उनकी स्कूटी के करीब 25,000 रुपए से भी ज्यादा के चालान कट चुके हैं। जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तो वह खुद मधुबन बापूधाम थाने के एस एच ओ सतवीर सिंह से मिले और इस पूरे मामले की उन्होंने एस एच ओ को लिखित में शिकायत दी।

एस एच ओ साहब ने उस शिकायत की फोटो खींचकर चौकी इंचार्ज संजीव चौधरी को भेज दी।पीड़ित नरेंद्र शर्मा का कहना है। कि जिस तरह से लगातार उनकी स्कूटी के चालान कट रहे थे। तो उन्हें यह भी डर सताने लगा कि वह कहीं गलत ना फंस जाएं। इसलिए उन्होंने चौकी इंचार्ज और एस एच ओ से उस शख्स को जल्द से जल्द तलाश करने के लिए गुहार लगाई। लेकिन नरेंद्र का आरोप है कि वह लगातार 20 दिन तक थाने और पुलिस चौकी के चक्कर लगाते रहे। इस बीच में उन्हें यह भी कहा गया। कि आप इसकी शिकायत यातायात पुलिस से करें तो ज्यादा बेहतर होगा।
 नरेंद्र ने बताया जब उन्होंने यातायात पुलिस से संपर्क किया और यह जानकारी दी तो यातायात पुलिस ने कहा कि इस मामले में स्थानीय पुलिस से ही संपर्क किया जाए। जब वह बहुत परेशान हो गए तो आखिरकार उन्होंने मुख्यमंत्री के IGRS पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और इसकी जानकारी मधुबन बापूधाम थाना से मांगी गई। उसके बाद यह मामला एसीपी कवि नगर तक पहुंचा और उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। उधर नरेन्द्र भी उस शख्स की तलाश में जुटे हुए थे।रविवार को जागृति विहार में एक वेल्डिंग का कार्य करने वाले मोहम्मद रफीक नाम के व्यक्ति के पास वह स्कूटी दिखाई दी। जिसके बाद नरेंद्र ने पुलिस को फोन करते हुए उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया। पुलिस की गहन जांच में मोहम्मद रफीक ने बताया कि उसने यह स्कूटी रईसपुर के रहने वाले सचिन चौधरी पुत्र ओमपाल चौधरी से खरीदी थी। लेकिन गहन जांच में पता चला कि यह स्कूटी चोरी की है और अवंतिका में रहने वाली एक महिला के नाम है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।