पिता ने जमीन बेची, फिर भी नही बच पाई बेटे की जान
पिता ने जमीन बेची, फिर भी नही बच पाई बेटे की जान
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
कस्बे के नाबालिक छात्र का शव पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को कस्बे में पहुंचा। पुलिस सुरक्षा में उसका अंतिम संस्कार किया गया। पिता ने बेहतरीन उपचार के जरिए उसकी जान बचाने के लिए दो बीघा जमीन भी बेची। उसने भी मौत से सवा माह तक संघर्ष किया। फिर भी जिंदगी नहीं बच पाई। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
कस्बे के मोहल्ला अहिरान में गत 25 जून को बाइक सवार युवकों ने दुकानदार रोहन पर जान से मारने के लिए गोलियां बरसाई थी। उसे हाथ और पैर में दो गोली लगी थी। एक गोली वहां खेल रहे नाबालिक छात्र सुशील के पेट में भी जा लगी थी। परिजन तभी उपचार के लिए उसे दिल्ली के ड्रामा सेंटर अस्पताल में ले गए थे। वहां पर उसके पेट का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद परिजन बेहतर उपचार दिलवाने के लिए उसे दिल्ली के ही प्राइवेट अस्पताल में ले गए। वहां के उपचार खर्च की पूर्ति के लिए सुशील के पिता को दो बीघा जमीन भी बेचनी पड़ी। सुशील ने भी सवा माह तक मौत से संघर्ष किया। लेकिन बुधवार को मौत ने उसे हरा दिया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद उसका शव कस्बे में पहुंचा। घर पर सबके पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। नगरपालिका चेयरमैन प्रतिनिधि डा. सुरेन्द्र धामा समेत कस्बे व मोहल्ले के सैकड़ो लोग परिवार का सांत्वना देने पहुंचे। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी भी पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए और पुलिस सुरक्षा में उसका अंतिम संस्कार कराया। कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद का कहना है कि मुकदमे में अब छात्र सुशील की मौत की धारा और बढ़ाई जाएगी।