उत्तम आर्जव धर्म का किया गया पूजन
दशलक्षण पर्व-
उत्तम आर्जव धर्म का किया गया पूजन
- खेकड़ा और बडागांव के मंदिरों में हुए विधान
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
पारस प्रभु अतिशय बड़ा गांव के प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर, त्रिलोक तीर्थ समेत खेकड़ा के जैन मंदिरों में मंगलवार को पूरे दिन धर्म की ब्यार बही। दस लक्षण पर्व में उत्तम आर्जव धर्म का पूजन किया गया। जैन संत प्रभावना भूषण, दृष्टि भूषण और चंद्रवती माता ने पूजन में शामिल धर्मावलंबियों को आशीर्वाद दिया।
बडागांव में जैन संत प्रभावना भूषण ने उत्तम आर्जव धर्म की विस्तार से व्याख्या की। कहा कि परिणामों में सरलता होने का नाम ही आर्जव है। जो मन मे हो वही आचरण में होना चाहिए। किसी के साथ धोखा नही करना, छल नही करना ही आर्जव धर्म है। जो दूसरों के साथ धोखा और छल कपट करता है, उसका मन शांत नहीं रहता, सदैव अशांत बना रहता है। समाज में भी उसे दुत्कार मिलती है। वह नारकीय जीवन जीने पर विवश रहता है। इसलिए सुखमय जीवन के लिए मानव को और उत्तम आर्जव धर्म का पालन करना चाहिए। पूजन में त्रिलोकचंद जैन, दीपक जैन, महेंद्र कुमार जैन, प्रवीण कुमार जैन, श्यामलाल जैन आदि शामिल रहे। उधर खेकड़ा के भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर में सुबह श्री जी का प्रासुक जल से अभिषेक किया गया। शांति धारा की गई। रिंकू जैन और अमित जैन को शांति धारा करने का सौभाग्य मिला। इसके बाद आर्जव धर्म पूजन और सहस्रनाम विधान हुआ। पंडित मनोज जैन भैया जी ने मंत्रोचार के जरिए पूजन कराया। पूजन में प्रवीण जैन, वीरेन्द्र जैन, बीना जैन, सतीश जैन, मनोज, अमित, संजय आदि शामिल रहे।