डासना देवी मंदिर के महंत एवं श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर को किया गया नजरबंद
तेजेश चौहान तेजस-----
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के थाना मसूरी इलाके के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने नूपुर शर्मा के समर्थन में उतरने के बाद इस्लाम धर्म की पुस्तकों के साथ 17 जून शुक्रवार को दिल्ली की जामा मस्जिद पहुंचने की घोषणा की थी।लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने यती नरसिंहानंद गिरी महाराज को मंदिर परिसर में एक दिन पहले ही नजरबंद कर लिया गया। पुलिस का मानना है कि यह फैसला शांति व्यवस्था बनाए रखने और खुद महाराज की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कुछ लोगों ने सड़क पर उतर कर तोड़फोड़ और आगजनी की थी।तमाम सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया।इसकी गूंज विदेशों तक भी जा पहुंची और इस्लाम धर्म के लोगों में नूपुर शर्मा के बयान को लेकर बेहद गुस्सा भरा हुआ है। उधर तमाम लोग नूपुर शर्मा के समर्थन में भी आए। इसी कड़ी में डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद गिरी महाराज भी नूपुर शर्मा के समर्थन में आए और उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने जो बयान दिया है वह गलत नहीं है। क्योंकि इस्लाम धर्म की सभी पुस्तकों में वह लिखा हुआ है जो बयान नूपुर शर्मा के द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म के तमाम मुल्ला और मौलवियों को इसकी जानकारी देने के लिए वह खुद अकेले और निहत्थे इस्लाम धर्म की पुस्तक लेकर 17 जून शुक्रवार को दिल्ली की जामा मस्जिद पहुंचेंगे और इस बारे में मौजूद लोगों को बाकायदा जानकारी दी जाएगी। लेकिन जिस तरह से नूपुर शर्मा के इस बयान को लेकर पूरे प्रदेश में तनाव बना हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने यति नरसिंहानंद गिरि महाराज को नजरबंद कर लिया है।
एसपी देहात डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद जिस तरह से पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल बना हुआ है।इसे गंभीरता से लेते हुए शांति व्यवस्था बनाए जाने के उद्देश्य से उधर यती नरसिंहानंद गिरी महाराज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें दिल्ली की जामा मस्जिद नहीं जाने दिया जाएगा। इसलिए 1 दिन पहले ही उन्हें मंदिर परिसर में नजरबंद किया गया है।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जब यती नरसिंहानंद गिरी महाराज ने जामा मस्जिद जाने की घोषणा की थी। उसके बाद जिला प्रशासन द्वारा उन्हें एक नोटिस भी जारी किया गया था। कि वह अपने इस फैसले को वापस ले लें। क्योंकि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए और उनकी सुरक्षा की दृष्टि से उनका यह फैसला उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि यती नरसिंहानंद गिरी महाराज ने यह भी बताया है कि उन्हें फोन के माध्यम से जान से मारने की धमकी भी मिली है। इसलिए उनकी सुरक्षा को भी महत्व देते हुए उन्हें नजरबंद किया गया है।