तीसरे दिन भागवत कथा में हुआ वामन अवतार

गाजियाबाद के प्रताप विहार के ई ब्लाक स्थित रामलीला मैदान में भारतीय सनातन सेवा संस्थान के तत्वावधान में  तृतीय दिवस की कथा में " मोहन गोकुल धाम पीठाधीश्वर कृष्णा संजय जी महाराज हरिद्वार "ने  बहुत सुंदर कथा का रसपान कराया तीसरे दिन कैप्टन ज्ञानेंद्र चौधरी मुख्य यजमान रहे।

तीसरे दिन भागवत कथा में हुआ वामन अवतार

तेजस न्यूज संवाददाता 

श्रीमद् भागवत कथा प्रताप विहार में तृतीय दिवस वामन अवतार भगवान का हुआ अवतार

गाजियाबाद के प्रताप विहार के ई ब्लाक स्थित रामलीला मैदान में भारतीय सनातन सेवा संस्थान के तत्वावधान में  तृतीय दिवस की कथा में " मोहन गोकुल धाम पीठाधीश्वर कृष्णा संजय जी महाराज हरिद्वार "ने  बहुत सुंदर कथा का रसपान कराया तीसरे दिन कैप्टन ज्ञानेंद्र चौधरी मुख्य यजमान रहे।

तीसरे दिन कथा वाचक ने कथा सुनाते हुए भक्तों को भक्ति रस से  लाभान्वित करते हुए बताया कि समुद्र मंथन के उपरांत भगवान ने मोहिनी  स्वरूप धारण करके  देवताओं को अमृत पान कराकर अमर बना दिया और युद्ध  भूमि में दैत्यराजबलि तथा  सारे असुर पराजित हुए ।

उन्होंने बताया कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने भृगुवंशी विप्रों के अमोघ आशीर्वाद से अभिसिंचित अपने शिष्य बलि को अजेय बनाकर स्वर्गादि लोकों का अधिपति बना दिया ।

देवता  वेष परिवर्तित कर गिरि कंदराओं का आश्रय  लिए उधर शुक्राचार्य ने प्रिय शिष्य वलि के द्वारा शतेन हय मेधानामनुव्रतमयाजयन् सौ अश्वमेध यज्ञ करा कर उसे स्वर्ग का अखंड अधिकार प्रदान करना चाहा।

इधर कश्यप  उपदेश से माता अदिति ने पयोव्रत किया। परिणाम  स्वरूप  भाद्रपद शुक्ल  विजया द्वादशी के दिन भगवान  वामन का प्राकट्य हुआ।

ब्रह्मा बृहस्पति कश्यप सूर्य सरस्वती आदि के द्वारा  सम्पूजित होकर भगवान तत्काल नर्मदा के उत्तर तट स्थित  भृगुकक्ष नामक स्थान पर पहुंचे। जहां राजा बली यज्ञ कर रहे थे।महाप्रभु  वामन के तेज से स ऋत्विजो यजमानः सदस्या हतत्विषो वामन तेजसा नृप ऋत्विज यजमान  विप्र मंडल सब निस्तेज  हो गए और यजमानः  प्रमुदितो दर्शनीयम् मनोरमम्।।राजा बली धन्य धन्य  हो गए भगवान की अभ्यर्थना के बाद राजा ने मानों आज याचक  रूप में  पधारे भगवान को चुनौती ही दे डाला ।।

महाराज ने बताया कि यद् यद् वटो वांक्षसि तत्प्रतीच्छ मे
 "त्वामर्थिनं विप्रसुतानुतर्कये।
गां कांचनं गुणवद् धाम मृष्टं
 यथान्नपेयमुत वा विप्र कन्याम्।
ग्रामान् समृद्धांस्तुरगान् गजान् वा रथांस्तथार्हत्तम् सम्प्रतीच्छ।।

गाय घोड़ा  रथ हाथी ग्राम सोना अन्न पेय विप्रकन्या समृद्ध नगर जो चाहे सो मांग लो,मेरी देने की बड़ी इच्छा है। महाराज जी ने बताया राजा का आदेश पाकर  तीन पग भूमि  मांग कर केवल दो पग में ही त्रिलोक नाप कर एक  पग  से राजा बली की पीठ नाप कर भगवान वामन ने बलि को सुतल लोक  भेजकर उन्हे दाता के अभिमान से मुक्त किया और इन्द्र को पुनः स्वर्ग का अधिपति  बनाया ।

महाराज श्री ने तीसरे दिन वामन चरित्र के पावन सुअवसर पर समस्त  सनातन धर्मावलंबी  सज्जनों को  वामन जन्मोत्सव की बहुत बहुत बधाई दी और बताया कल कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा।


इस अवसर पर लोकप्रिया पार्षद संतोष राणा,इंजिनियर भारत शर्मा, तेजस न्यूज़ के संपादक तेजस चौहान,सलेक चंद शर्मा, ठा.जगदीश सिंह,अम्बुज चौहान, राजीव चौहान,ज्ञानेंद्र चौधरी, प्रदीप जादौन, दीप्ति चौहान, प्रवीण शर्मा, हरिओम शर्मा, बबल शर्मा, आदि के अलावा सैकड़ो की संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।