धूमधाम से मना शांतिनाथ भगवान का कल्याणक महोत्सव

खेकड़ा कस्बे में अहिरान के चमत्कारी भगवान शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार को शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विविध धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए और नगर में भव्य पालकी यात्रा निकाली गई। उधर बडा मंदिर में 37 ससंघ के साथ विमर्श सागर महाराज ने मंगल प्रवेश किया। धर्मावलम्बियों को आशीर्वाद देकर प्रवचन किए।

धूमधाम से मना शांतिनाथ भगवान का कल्याणक महोत्सव

धूमधाम से मना शांतिनाथ भगवान का कल्याणक महोत्सव
- बैंड बाजे के साथ निकली भव्य पालकी यात्रा
- संत विमर्श सागर महाराज का 37 पिच्छी संघ के साथ हुआ मंगल प्रवेश
खेकड़ा, तेजस न्यूज रिपोर्टर
कस्बे में अहिरान के चमत्कारी भगवान शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार को शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विविध धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए और नगर में भव्य पालकी यात्रा निकाली गई। उधर बडा मंदिर में 37 ससंघ के साथ विमर्श सागर महाराज ने मंगल प्रवेश किया। धर्मावलम्बियों को आशीर्वाद देकर प्रवचन किए।
अनुष्ठान की शुरुआत सुबह 7 बजे प्रभु के अभिषेक और शांतिधारा से हुई। भक्ति संगीत के साथ शान्तिनाथ विधान हुआ। अनुष्ठान के दौरान भगवान शांतिनाथ के चित्र का अनावरण और झंडारोहण भी किया गया। श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भगवान पर विशाल लड्डू चढ़ाकर निर्माण का प्रतीक लड्डू चढ़ावा अर्पित किया। इसके पश्चात बैंड-बाजों, शहनाई पार्टी और भजन मंडली के साथ भव्य पालकी यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा ने नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जैन कॉलेज रोड स्थित भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर तक भ्रमण किया। वहां भी भगवान का अभिषेक किया गया। कुछ समय विश्राम के बाद यात्रा पुनः प्रारंभ हुई और मंदिर में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु शामिल हुए। आयोजन जैन सकल समाज के नेतृत्व में संपन्न हुआ। उधर कस्बे के बडा जैन मंदिर में महामुनिराज विमर्श सागर महाराज का ससंघ 37 पिच्छी के साथ मंगल प्रवेश हुआ। बैंड बाजों के साथ धर्मावलम्बी उनको मंदिर लेकर पहुंचे। वहां नित्य पूजन के साथ संत श्रमणाचार्य विमर्श सागर महाराज का विशेष पूजन किया गया। श्रद्धालुओं द्वारा उन्हें शास्त्र भेंट किए गए और पादप्रक्षालन की परंपरा भी निभाई गई। चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात 16 किलो का सामुहिक लडडू समर्पण किया गया। महाराज श्री ने मंगल प्रवचन किए। शाम को भगवान शांतिनाथ को पालने में झुलाया गया। बधाईयों के साथ रत्नवृष्टि हुई। संत विमर्श सागर ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।