कवि नगर पुलिस ने फर्जी आईपीएस बनकर लोगों ठगने वाले शख्स को महिला साथी समेत किया गिरफ्तार
तेजेश चौहान तेजस
गाजियाबाद
गाजियाबाद की थाना कवि नगर पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर बनकर ठगी करने वाले एक शातिर अभियुक्त को उसकी महिला साथी समेत गिरफ्तार किया है।पुलिस की माने तो यह शातिर अभियुक्त इंस्पेक्टर की वर्दी पहन कर लोगों से ठगी किया करता था और रुपया न देने पर जेल भेजने की धमकी भी देता था।अभियुक्त के कब्जे से पुलिस ने वर्दी वाला ड्राइविंग लाइसेंस व पुलिस इंस्पेक्टर का फर्जी आईकार्ड पुलिस की वर्दी में फोटो व अन्य सामान भी बरामद किया है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी निमिष पटेल ने बताया कि जनपद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर अपराधियों और संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है।जिसके तहत अपर पुलिस अधीक्षक नगर प्रथम व क्षेत्राधिकारी कवि नगर के निर्देशन में कवि नगर पुलिस ने एक वांछित अभियुक्त अमित यादव उर्फ जोगेंद्र यादव पुत्र राजवीर सिंह निवासी गोसाई थाना सिरसागंज जनपद फिरोजाबाद को फर्जी इंस्पेक्टर की वर्दी पहने तथा उसकी सहयोगी महिला राजकुमारी पत्नी करण सिंह निवासी आकाश नगर मसूरी को आत्मा स्टील के पास से गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि धौलाना ब्लॉक के मीरापुर गढ़ी में रहने वाले नीरज कुमार पुत्र मनवीर सिंह से दिल्ली पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर ₹7 लाख एवं फूल चंद निवासी शास्त्री नगर थाना कवि नगर गाजियाबाद के पुत्र की होमगार्ड विभाग में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर ढाई लाख रुपए ठगे गए। जिनके द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज हैं।फिलहाल आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि अभियुक्त बेहद शातिर किस्म का ठाक है। जो पिछले 16 साल से इसी तरह से कार्य कर रहा है।अभियुक्त ने 2006 और 2007 में पहली शादी की थी।उस दौरान अभियुक्त ने अपने ससुराल पक्ष को पुलिस आरक्षी बताया था।जिस कारण से 2010 में रहे शादी टूट गई थी और अभियुक्त कोतवाली सिटी जनपद मैनपुरी से जेल भी जा चुका है।जेल से रिहा होने के बाद अभियुक्त एक अन्य महिला के संपर्क में आया। जिसे उसने स्वयं को 2005 बैच का उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक बताया।अभियुक्त ने अपनी पहली पत्नी की बीमारी के कारण मृत्यु हो नहीं बताई थी। इसी दौरान अभियुक्त ने 2013-14 में दूसरी शादी कर ली।जबकि पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी होने के बाद अभियुक्त के पिता और अभियुक्त की पहली पत्नी भी जीवित है। अभियुक्त का वास्तविक नाम जोगेंद्र सिंह यादव था जो 2012 में बदलकर अमित कर लिया था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त द्वारा अपनी दूसरी शादी को 2015 में होना बताया। उसका चयन एसडीएस पद पर होना बताया और जनपद मुरादाबाद में प्रथम तैनाती मिली होना बताया गया।इसी दौरान वर्ष 2016 में अभियुक्त का चयन आईपीएस अधिकारी के पद पर भी होना बताया गया और 2017 में अभियुक्त हैदराबाद प्रशिक्षण के लिए जाने की बात बता कर विभिन्न स्थानों पर स्वयं को आईपीएस अधिकारी बताकर ठगी करता रहा।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्त अमित यादव ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि वह लोगों को रोक दिखाकर ठगी करता था और अब तक वह नौकरी दिलाने व दिल्ली पुलिस व अन्य विभागों में काम कराने के बहाने 50-60 लाख की ठगी कर चुका है। पूछताछ के दौरान अधिकृत ने यह भी बताया कि वह पूर्व में भी जेल जा चुका है और वर्तमान में होमगार्ड विभाग में दिल्ली पुलिस में नौकरी दिलवाने के नाम पर उसके द्वारा फर्जी इंस्पेक्टर बनकर ₹9 लाख 50 हज़ार की ठगी की गई है। जिनके संबंध में मुकदमा पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि शातिर अभियुक्त के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।